U Times, पुरोला
नगर में नाबालिग छात्रा को भगाने के प्रयास का मामला खासा गरमा गया। सोमवार को होने वाले प्रदर्शन और बाजार बंद से पहले समुदाय विशेष के 42 व्यापारी रातों रात दुकानें बंद कर गायब हो गए। हालांकि, सोमवार सड़कों पर प्रदर्शन कर गुस्साए लोगों ने कुछ दुकानों के बोर्ड भी हटा दिए और पुरोला छोड़ने की चेतावनी दी।
U Times, No.1
पुरोला में पिछले दिनों एक नाबालिग छात्रा को भगाने का प्रयास कर रहे दो युवकों को स्थानीय लोगों ने पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था। लेकिन इस घटना के बाद से स्थानीय व्यापारी और ग्रामीण खासे आक्रोशित हैं।
एक युवक को घटना के लिए जिम्मेदार बताते हुए लोग पुरोला से समुदाय विशेष के व्यापारियों को बाहर करने की मांग कर रहे हैं। व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने समुदाय विशेष की दुकानें खाली कराने की मांग को लेकर सोमवार को बाजार बंद कर प्रदर्शन का ऐलान किया था। लेकिन इससे पहले ही रविवार देर रात समुदाय विशेष के 42 व्यापारी अपनी दुकानों में ताला लगा कर गायब हो गए।
पुरोला छोड़ने वाले ये व्यापारी मुख्य बाजार, कुमोला रोड, मंदिर मार्ग में रेहड़ी फेरी, आईसक्रीम बेचने, साइकिल रिपेयरिंग, रजाई गद्दे रूई भरने और सब्जी बेचने आदि का व्यवसाय करते थे। अब यहां कारोबार कर रहे समुदाय विशेष के कुछ ही परिवार पुरोला में रह गये हैं।
आक्रोशित लोग सड़क पर उतरे, जुलूस प्रदर्शन किया
सोमवार घटना से आक्रोशित लोग ढोल-नगाड़ों के साथ मोरी बैंड पर एकत्रित हुए। भारी पुलिस बल के बीच कोर्ट रोड होते हुए मोरी रोड, कुमोला रोड, मंदिर मार्ग होते हुए मुख्य बाजार तक जुलूस निकाला और नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम देवानंद शर्मा के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा।
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