प्रकाश रांगड़, उत्तरकाशी
नगर निकाय चुनाव की तैयारी के बीच प्रदेश सरकार ने शनिवार को निकायों में आरक्षण की स्थिति साफ कर दी है। हालांकि, सरकार ने एक हफ़्ते के अंदर आपत्ति निस्तारण का समय भी दिया है। जिले में मुख्यालय की बाड़ाहाट नगरपालिका निकाय सीट को सामान्य (अनारक्षित) किया गया है।
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इसके साथ ही बड़कोट नगर निकाय को ओबीसी आरक्षित, नगर निकाय चिन्यालीसौड़ को एससी आरक्षित तथा पुरोला नगर पालिका को महिला आरक्षित किया गया है। वहीं नगर पंचायत नौगांव महिला आरक्षित की गई है। निकायों में आरक्षण तय होने के बाद दावेदारों ने अचानक अपनी राजनीतिक सक्रियता तेज कर दी है।
निकायों में आरक्षण की स्थिति साफ होते ही कहीं दावेदारों के अरमानों पर पानी फिरने से मायूसी छा गई, तो कहीं उम्मीद के अनुसार आरक्षण निर्धारण से दावेदारों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।
लंबे समय से तैयारी में जुटे दावेदारों की उम्मीदों को पंख लगे हैं। टिकट की उम्मीद से लबरेज दावेदारों ने यकायक निकायों में काबिज होने की कसरत तेज कर डाली है।
खासकर भाजपा और कांग्रेस में दावेदारों ने टिकट हासिल करने के लिए अपने राजनीतिक आकाओं को रिझाना शुरू कर दिया है।
आरक्षण तय होने के बाद निकायों में दावेदारों के कान खड़े, इन नामों की चर्चा
देखा जाए तो, जिले में नगरपालिका बाड़ाहाट की निकाय सीट को सरकार ने पहले महिला के लिए आरक्षित किया, ऐसे में यहां महिला दावेदारों में चर्चित भाजपा से शांति गोपाल रावत, सुधा गुप्ता, सविता भट्ट और कांग्रेस से कविता जोगेला, मीना नौटियाल और शशि कुमांई पहले ही शुभकामना संदेश के जरिए अपनी दावेदारी जता चुके हैं। हालांकि, देर शाम सरकार ने इस निकाय सीट को अनारक्षित कर दिया। जिससे अब दावेदारों में और भी चर्चित चेहरे सामने आएंगे।
इसी तरह, ओबीसी आरक्षित बड़कोट नगरपालिका में भाजपा से अतोल रावत, अजय रावत तथा कांग्रेस से विजयपाल रावत दावेदारी पेश कर जनता के बीच सक्रिय हैं। निर्दलीय के रूप में यहां विनोद डोभाल और वरिष्ठ पत्रकार सुनील थपलियाल काफी लंबे समय से जनता के बीच सक्रिय हैं। महिला आरक्षित पुरोला नगर निकाय में भाजपा से सुनीता नौटियाल तथा कांग्रेस से मोनिका अग्रवाल नेगी की दावेदारी की चर्चा आम है।
अनुसूचित जाति आरक्षित चिन्यालीसौड़ नगर निकाय में बीजेपी से सूर्य प्रकाश, जीतलाल तथा पूर्व प्रमुख शैलेंद्र कोहली की दावेदारी ने निकाय में राजनीतिक गर्माहट पैदा की है। कांग्रेस से हालांकि यहां किसी भी दावेदार की सक्रियता सामने नहीं आई है, जबकि निर्दलीय के रूप में मनोज कोहली जनता के बीच जी जान से जुटे हैं। कुल मिलाकर, सरकार के आरक्षण की स्थिति तय करते ही एकाएक निकायों में दावेदारों के बीच राजनीतिक हलचल काफी तेज हो चली है। निकायों में ऐसे भी कई संभावित दावेदार हैं, जिन्होंने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, ऐसे में और भी चेहरे सामने आ सकते हैं।
आरक्षण की स्थिति स्पष्ट करने के बाद माना जा रहा है कि सरकार निकाय चुनाव जल्द ही संपन्न कराने के मूड में है। अब सरकार इसमें और कोई देरी नहीं चाहती। पहले ही निकाय चुनाव में देरी से प्रदेश सरकार की लगातार किरकिरी हो रही है।
हालांकि, निकाय के बाद पंचायत चुनाव सम्पन्न कराने की चुनौती भी प्रदेश सरकार के समक्ष आ खड़ी है।
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