U Times, उत्तरकाशी
जिले के डुंडा तहसील स्थित कुमारकोट गांव में नाबालिग लड़की की शादी रुकवाने के बाद प्रशासन की टीम मामले में आगे की कार्रवाई में जुट गई है। बताया जा रहा है कि शादी रुकवाने से पहले ही नाबालिग की कोर्ट मैरिज हो चुकी है। ऐसे में प्रशासन की टीम ने स्कूली सर्टिफिकेट के आधार पर कोर्ट मैरिज संबंधी जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि यदि जांच सही पाई गई तो मुदकमा दर्ज किया जाएगा। वहीं, नाबालिग का जन्म प्रमाण पत्र जारी करने वाले हरिद्वार के एक अस्पताल से भी जानकारी जुटाई जा रही है।
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जानकारी के अनुसार डुंडा के कुमारकोट गांव में बीते गुरुवार को जिस लड़की की शादी कराई जा रही थी, हाईस्कूल के प्रमाणपत्र से उसकी उम्र 16 वर्ष कुछ माह होने की पुष्टि हुई है। प्रशासन की टीम ने देर शाम जैसे ही बाल विवाह की सूचना मिली, मौके पर जाकर विवाह को रोका गया। जिस के बाद प्रशासन की टीम नाबालिग लड़की और उसकी मां को पूछताछ के लिए जिला मुख्यालय स्थित वन सेंटर ले आई। वहीं, विवाह रोके जाने के बाद हरियाणा से आ रही बरात रास्ते से ही लौट गई थी। सामने निकलकर आ रही जानकारी के अनुसार परिजनों ने नाबालिग का फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाकर कुछ दिन पूर्व कोर्ट मैरिज भी करवा दी थी। इसके लिए नाबालिग का हरिद्वार के किसी अस्पताल में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र भी बनाया गया। जिसके बाद अब बाल कल्याण विकास सरंक्षण इकाई और चाइल्ड लाइन सेंटर से जुड़े अधिकारी इसकी जांच में जुट गए हैं। साथ ही ऑरिजनल स्कूली सर्टिफिकेट को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार में जन्म प्रमाण पत्र जारी करने वाले अस्पताल से भी मामले की सत्यता की जानकारी जुटाई जा रही है। जांच अधिकारियों का कहना है कि यदि कोर्ट मैरिज करवाई गई होगी तो दोनों पक्षों के खिलाफ बाल विकास सरंक्षण इकाई की ओर से मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा।
इनका कहना है
नाबालिग के सभी स्कूली सर्टिफिकेट हमारी टीम के पास मौजूद हैं। हरिद्वार में अस्पताल में किस आधार पर नाबालिग लड़की की जन्म प्रमाण पत्र जारी है किया, उसको वहां ले जाकर सही जानकारी जुटाई जाएगी। अगर जांच में फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र बनवाने की पुष्टि होती है तो दोनों पक्षों के खिलाफ बाल विकास विभाग की ओर से मुदकमा दर्ज किया जाएगा।
गुरुवार को देर शाम नाबालिग लड़की की शादी करवाने की सूचना मिली थी, जिस पर प्रशासन की टीम नाबालिग लड़की व उसकी मां को वन स्टॉप सेंटर ले आई। साथ ही विवाह को तत्काल रोका गया।
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नाबालिग की कराई जा रही काउंसिलिंग
डुंडा तहसील के कुमारकोट गांव में बाल विवाह रोकने के बाद प्रशासन की ओर से नाबालिग लड़की की काउंसिलिंग करवाई जा रही है। चाइल्ड लाइन सेंटर के कार्यक्रम संयोजक दीपक उप्पल का कहना है कि आमतौर पर इस तरह के मामलों में बच्चों की काउसंलिंग कार्रवाई जाती है। बच्चों में सामाजिक दवाब से निपटने के लिए काउंसिलिंग बेहद जरूरी है।
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