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उत्तरकाशी की पंचकोसी यात्रा में जुटी भक्तों की भारी भीड़

14 किमी की पैदल यात्रा के दौरान भक्तों ने की वरूणावत की परिक्रमा

U Times, उत्तरकाशी

उत्तरकाशी की प्रसिद्ध पंचकोसी वारुणी यात्रा में रविवार को बारिश के बावजूद जगह-जगह मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। इस प्रसिद्ध धार्मिक यात्रा का बड़ेथी चुंगी में वरुण गंगा और गंगा भागीरथी के संगम पर स्नान कर सुबह पदयात्रा के साथ आगाज हुआ। उधर, धनारी क्षेत्र के नागणी में भी 18 किमी की पैदल यात्रा कर श्रद्धालुओं ने मन्नतें मांगी। 

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मान्यता है कि पंचकोसी वारुणी यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को 33 करोड़ देवी देवताओं के दर्शन होते हैं और इस यात्रा को पूरी करने वाले हर श्रद्धालु की मनोकामना पूर्ण हो जाती है। पंचकोसी वारुणी यात्रा चीड़, देवदार, बांज, बुरांश के घने जंगलों के बीच होते हुए लगभग 14 किमी का पैदल ट्रेक है। 


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यात्रा बसूंगा, साल्ड, ज्ञाणजा, वरुणावत के शीर्ष, संग्राली, पाटा होते हुए गंगोरी में असी गंगा और गंगा भागीरथी के संगम पर पहुंची। यहां श्रद्धालुओं ने संगम पर स्नान कर उत्तरकाशी नगर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर समेत तमाम मंदिरों में पूजा-अर्चना कर पुण्य लाभ अर्जित किया। 

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मंदिरों में जलपान की रही व्यवस्था

यात्रा रूट पर बसूंगा स्थित कंडार देवता मंदिर के पुजारी विनोद प्रसाद भट्ट, स्थानीय निवासी अंजली बहुगुणा ने बताया कि यहां श्रद्धालुओं के लिए जलपान उचित की व्यवस्था की गई। 

ज्ञाणजा निवासी विपिन नेगी, विमलेश्वर मंदिर पुजारी दिवाकर डंगवाल, संग्राली मंदिर के पुजारी राकेश डंगवाल ने बताया कि वारूणी यात्रा को लेकर लोगों में खासा उत्साह रहा। यहां मंदिर में हजारों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। 

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रेडक्रॉस की ओर से लगाए गए स्वास्थ्य कैंप

भारतीय रेडक्रॉस समिति की ओर से जगह-जगह यात्रा रूटों और मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाए गए। इस दौरान श्रद्धालु भारी संख्या में रेडक्रॉस के स्वास्थ्य शिविरों में चेकअप के लिए पहुंचे। रेडक्रॉस के चेयरमैन माधव प्रसाद जोशी ने बताया कि यात्रा रूट पर मंदिरों में आयोजित स्वास्थ्य शिविर के दौरान सैकड़ों मरीजों का चेकअप किया गया और जरूरी दवाएं वितरित की गई।

परिक्रमा के दौरान इन मंदिरों दर्शन किए

14 किमी की पैदल पदयात्रा के दौरान श्रद्धालु प्राचीन मंदिर पंचकोसी वारुणी यात्रा मार्ग पर बड़ेथी संगम पर वरुणेश्वर महादेव, बसूंगा में बासू कंडार, साल्ड में जगन्नाथ एवं अष्टभुजा ज्वाला देवी, ज्ञाणजा में ज्ञानेश्वर महादेव एवं व्यास कुंड, वरुणावत शीर्ष पर शिखरेश्वर, राजराजेश्वरी एवं विमलेश्वर महादेव, संग्राली में कंडार देवता, पाटा में नर्मदेश्वर महादेव, गंगोरी त्रिवेणी घाट पर गंगेश्वर, लक्षेश्वर, उज्ज्वला देवी, महिषासुर मर्दिनी, कंडार देवता, परशुराम, अन्नपूर्णा, भैरव, गोपेश्वर महादेव, शक्ति मंदिर, हनुमान मंदिर, कीर्तेश्वर महादेव, काशी विश्वनाथ एवं मणिकर्णिका घाट स्थित गंगा मंदिर के दर्शन किए।


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