प्रकाश रांगड़, सिलक्यारा/उत्तरकाशी
केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी रविवार को सिलक्यारा सुरंग का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने टनल विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ बैठक कर रेस्क्यू कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। बैठक में गडकरी ने विशेषज्ञों से बातचीत करते हुए कहा कि हमारे पांच छह प्लान हैं।
उन्होंने रेस्क्यू की मॉनिटरिंग कर रहे विशेषज्ञों और अधिकारियों को कहा कि इन प्लान के जरिए जितनी जल्दी हो सके, मजदूरों तक पहुंचने का प्रयास करें और उन्हें जल्द बाहर निकालने का काम करें। केंद्र और राज्य सरकार से जो भी मदद चाहिए, हर तरह से तैयार हैं।
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इसके बाद वह सुरंग का निरीक्षण करने अंदर घुसे और रेस्क्यू में लगे लोगों से ऑपरेशन की जानकारी ली। इसके बाद सुरंग से बाहर आते ही पुलिस की ओर से सुरंग से करीब 50 मीटर दूर लगे बैराकेडिंग पर गडकरी को मीडिया ने घेर लिया, लेकिन गडकरी पास ही बने मीडिया सेंटर में पत्रकारों से रेस्क्यू की जानकारी देने पहुंचे। सीएम धामी भी साथ थे।
गडकरी ने पत्रकारों को बताया कि कहा कि देश व दुनिया में उपलब्ध अच्छे से अच्छे विशेषज्ञों की सलाह पर सुरंग में रेस्क्यू कार्यों को तेजी के साथ अंजाम दिया जा रहा है। अंदर फंसे 41 फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। श्रमिकों की जान बचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, किसी भी बेहतर संभावना वाले विकल्प के लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े, सरकार चुकाएगी।
उन्होंने कहा कि रेस्क्यू अभियान में जुटे संगठनों और अधिकारियों को तमाम संसाधनों के साथ रेस्क्यू कार्य को युद्धस्तर पर पूरा करने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि देश के साथ ही दुनियाभर में इस रेस्क्यू के लिए उपलब्ध उच्चतम दक्षता, अनुभव और संसाधनों का ब्यौरा तत्काल जुटाकर इस अभूतपूर्व चुनौती से निपटने के लिए जो भी उपयोगी समाधान नजर आए, उस पर फौरन अमल किया जाय। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की जान सबसे कीमती है और उनकी जान बचाने के लिए युद्धस्तर पर दिन रात चौतरफा प्रयास होने जरूरी हैं।
बैठक में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ ही सेना, आरवीएनएल, एजेवीएनएल, ओएनजीसी, बीआरओ, टीएचडीसी सहित विभिन्न संगठनों के अधिकारी मौजूद रहे। केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने अपने भ्रमण के दौरान पत्रकारों को बताया कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन इस अभियान को लेकर सभी संगठनों से समन्वय करने के साथ ही संसाधनों को जुटाने व स्थल तक पहॅुचाने में मदद करेंगे।
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इस दौरान उत्तराखंड के मुख्य सचिव डा. एसएस संधू, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डा. रंजीत सिन्हा, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अपर सचिव महमूद अहमद, पीएमओ के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार व उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, विधायक यमुनोत्री संजय डोभाल, विधायक गंगोत्री सुरेश चौहान, विधायक पुरोला दुर्गेश्वर लाल, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, कर्नल दीपक पाटिल, मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, एनएचआईडीसीएनल के निदेशक अंशु मनीष खलखो, अधिशासी निदेशक संदीप सुधेरा सहित विभिन्न विभागों व संगठनों के अधिकारी मौजूद रहे।
श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए राज्य
सरकार चिंतित: धामी
रविवार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ सिलक्यारा घटनास्थल में रेस्क्यू कार्यों का जायजा लेने पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। राज्य सरकार चिंतित है कि किस तरह से मजदूरों को बाहर निकाला जाए। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू से संबंधित सभी सूचनाएं मीडिया को सही समय पर देने का काम कर रहे हैं।
सुरंग में ऑगर से ड्रिलिंग का काम फिर से शुरू करेंगे: सिन्हा
उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव डॉ रंजीत सिन्हा भी सिलक्यारा घटनास्थल पर लगातार रेस्क्यू कार्यों का मॉनिटरिंग कर रहे हैं। मीडिया के सवालों के जवाब में सिन्हा ने कहा कि सुरंग के अंदर ऑगर मशीन से 900 एमएम डाया का पाइप 22 मीटर तक डाला जा चुका है। इसको अब आगे बढ़ाने का काम फिर से शुरू करने में लगे हैं। इसके अलावा एक अतिरिक्त लाइफ लाइन पाइप 900 एमएम डाया पाइप के थोड़ा सा ऊपर से होकर डाला जा रहा है। जो कि दोपहर तक आधा से ज्यादा हिस्से में पार हो चुका है। इस पाइप के जरिए मजदूरों तक खाना, दवा आदि सामान पहुंचा रहे हैं।
टनल के दोनों तरफ से एस्केप टनल बनाने की प्लानिंग की जा रही है। ऐसे में इसके मीजरमेंट और एलाइनमेंट को देखा जा रहा है, जिस पर सोमवार से काम शुरू किया जा सकता है। बड़कोट वाली छोर से टनल का जो कार्य बंद पड़ा हुआ था, उस कार्य की जिम्मेदारी टीएचडीसी को दे दी गई है। हालांकि जो टनल बनाई जा रही है, वो सिर्फ 200 से 250 मीटर तक ही खोदी जाएगी। ताकि मजदूरों तक पहुंचा जा सके। इसके अलावा पहाड़ी से वर्टिकल ड्रिलिंग कर सुराख बनाने का कार्य जारी है।
यदि सुराख बड़ा हुआ तो मजदूरों को बाहर निकालने का प्रयास होगा, अन्यथा ये लाइफ सपोर्टिंग का काम करेगा। जबकि ऑगर मशीन का प्रयास सफल रहा तो 40 घंटों के अंदर मजदूरों के बाहर निकलने की संभावना बनेगी। निर्भर करेगा कि बीच में हार्ड रॉक ना लगे, ऐसे में समय और लग सकता है।
गडकरी और धामी ने परिजनों से मिलकर कहा, चिंता न करें
रविवार को सिलक्यारा पहुंचे केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अंदर फंसे मजदूरों के परिजनों से बातचीत की। गडकरी ने परिजनों को ढांढ़स बंधाया और कहा कि चिंता नहीं करनी है। हम प्रयास में लगे हैं। ईश्वर सबकुछ ठीक करेगा। खाना पीना खा लें। चिंता हमें भी है, इसलिए रात दिन प्रयास में लगे हैं।
सिलक्यारा में रोबोट साइंस का इस्तेमाल भी होगा
उत्तरकाशी। आपदा सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि सिलक्यारा सुरंग के अंदर भू धंसाव की स्थिति को देखने के लिए रोबोट साइंस की तकनीक का इस्तेमाल भी किया जायेगा। निर्भर करेगा कि रेस्क्यू ऑपरेशन आने वाले एक आध दिन में किस स्थिति में पहुंचता है।
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