U Times, उत्तरकाशी
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने आगामी लोकसभा निर्वाचन की तैयारी को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने सहायक रिटर्निंग अधिकारियों और जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट को नियमित रूप से अपने क्षेत्र के बूथों का भ्रमण कर सभी मतदान केंद्रों पर आवश्यक व्यवस्थाएं जुटाने के साथ ही मतदाताओं को अधिकाधिक मतदान के लिए प्रेरित करने को कहा।
उन्होंने अधिकारियों से चुनाव ड्यूटी को अत्यधिक गम्भीरता से लेने को कहा। कहा कि निर्वाचन कार्यों में देरी और लापरवाही को हरगिज बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि मतदाता जागरूकता को लेकर जिले में व्यापक स्तर पर स्वीप की गतिविधियों का आयोजन कर कार्यक्रमों की दैनिक रिपोर्ट उपलब्ध कराई जाए। सोशल मीडिया के माध्यम से भी मतदाता जागरूकता का प्रचार-प्रसार किया जाय।
डीएम ने कहा कि निर्वाचन कार्यो में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक इस्तेमाल किया जाए और विभिन्न कार्यों व सूचनाओं के लिए निर्वाचन आयोग के द्वारा तैयार किए गए एप्स का प्रयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने बूथ स्तर से भी सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए बीएलओ एप का उपयोग करने की हिदायत भी दी।
जिलाधिकारी ने निर्वाचन से जुड़े कार्मिकों को बेहतर प्रशिक्षण दिए जाने की व्यवस्था करने के साथ ही निर्वाचन कार्यो के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी में दोहराव न किए जाने के निर्देश दिए।
बैठक में सीडीओ जय किशन, एडीएम रज़ा अब्बास, उप जिलाधिकारी देवानंद शर्मा, बृजेश कुमार तिवारी, नवाजिश खलिक, पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रशांत कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी अमित कोटियाल, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल, सहायक निर्वाचन अधिकारी राकेश मोहन राणा, स्वीप समन्वयक मंगल सिंह पंवार आदि उपस्थित रहे।
वनों को आग से बचाने को कारगर कदम उठाएं:डीएम
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिले में वनाग्नि की रोकथाम को कारगर कदम उठाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वन विभाग के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों की वनाग्नि रोकथाम में सहभागिता जरूरी है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को इसके लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने वनाग्नि के प्रभावी नियंत्रण को गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हर साल एक बड़ा वन क्षेत्र आग की चपेट में आने से वनों एवं वन्यजीवों को भारी नुकसान पहुंचता है। कहा कि इस काम में जिला योजना और आपदा मद से अधिक संसाधन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने वन विभाग की कार्य योजना में फायर लाइनों के पुनर्जीवन व विस्तारीकरण के साथ ही वनाग्नि के प्रति अत्यधिक संवेदनशील चीड़ के स्थान पर स्थानीय व उपयुक्त प्रजाति के वृक्ष पनपाये जाने की योजनाओं को प्राथमिकता देने की अपेक्षा की।
बैठक में वन विभाग के अधिकारियों ने वनों को आग से बचाने के लिए प्रस्तावित कार्ययोजना प्रस्तुत की। बताया कि जिले के सभी 7 वन प्रभागों में वनाग्नि के नियंत्रण हेतु 144 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं। वनों में आग लगने की जानकारी के लिए सेटेलाइट की भी मदद ली जा रही है।
बैठक में सीडीओ जय किशन, एडीएम रज़ा अब्बास, प्रभागीय वनाधिकारी उत्तरकाशी डीपी बलूनी , गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक जीएन पांडेय, डीएफओ अपर यमुना अभिलाषा सिंह, डीएफओ टौंस दीपक कुमार आदि थे।
वनभूमि के प्रकरण निपटाने के निर्देश
बैठक में चारधाम आल वेदर रोड योजना के तहत बीआरओ के अधीन बड़ेथी से भैरोघाटी सड़क के निर्माण कार्य तथा राष्ट्रीय राजमार्ग खंड बड़कोट के द्वारा निर्माणाधीन यमुनोत्री राजमार्ग हेतु वनभूमि की स्वीकृति से संबंधित प्रकरणों पर भी विस्तार से चर्चा कर इन मामलों को जल्द निस्तारित करने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने पीएमजीएसवाई की सड़को के निर्माण में भी वनभूमि से संबंधित बाधाओं को दूर करने का निर्देश देते हुए कहा कि इन मामलों में इसी सप्ताह शासन स्तर पर वार्ता की जाएगी।
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