प्रकाश रांगड़, उत्तरकाशी
आने वाले कुछ सालों में गंगोत्री धाम की तस्वीर बदलने वाली है, इस बात का अंदाजा जिला प्रशासन की मुस्तैदी से लग जाता है। गंगोत्री धाम में मास्टर प्लान के तहत दीर्घकालीन अवस्थापना सुविधाओं को धरातल पर उतारने के लिए जिला प्रशासन प्रस्ताव तैयार करने में जुट गया है।
सुनियोजित विकास को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने गंगोत्री धाम में टनल पार्किंग, आस्था पथ, घाटों और झूला पुलों के निर्माण के प्रस्ताव को शासन को जल्द भेजने की प्रतिबद्धता जताई है।
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इसी सिलसिले में डीएम डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट ने मंगलवार को गंगोत्री धाम पहुंचकर प्रस्तावित विकास योजनाओं पर मंदिर समिति, तीर्थ पुरोहितों व अन्य हितधारकों से विचार विमर्श किया और स्थलीय निरीक्षण भी किया।
उन्होंने कहा कि जितनी जल्द हो सके, धाम के विकास से जुड़ी परियोजनाओं के प्रस्ताव तैयार कर शासन की स्वीकृति के लिए भेजे जाएंगे। अधिकारियों को उन्होंने मौके पर जल्द प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए और कहा कि इस काम में ढिलाई बिल्कुल ना बरती जाए।
धाम में दीर्घकालीन योजनाओं को धरातल पर उतारने में खासे दिलचस्प डीएम डॉ बिष्ट का कहना है कि आने वाले दशक में गंगोत्री में यात्रियों की तादाद बढ़ेगी, जिसको ध्यान में रखते हुए मास्टर प्लान के तहत अवस्थापना सुविधाओं को धरातल पर उतारा जाना है।
उन्होंने लोनिवि के अधिकारियों को धाम के दोनों तटवर्ती क्षेत्रों से होते हुए पैदल रिंग रोड-आस्था पथ का निर्माण की योजना तैयार करने के निर्देश दिए। कहा कि धाम के प्रवेश द्वार से लेकर अंतिम सिरे तक दोनों तटवर्ती क्षेत्रों व प्रस्तावित आस्था पथ को जोड़ने के लिए पैदल झूला पुलों की श्रृंखला भी तैयार की जाएगी।
दरअसल, प्रतिवर्ष तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ने के कारण गंगोत्री धाम के विस्तार और स्तरीय सुविधाओं के विकास के लिए प्रशासन स्तर पर विकास की दीर्घकालीन योजनाओं का खाका तैयार करवाया जा रहा है।
गंगोत्री धाम के भ्रमण के दौरान जिलाधिकारी बिष्ट ने गंगोत्री मंदिर परिसर सहित प्रस्तावित टनल पार्किंग स्थल, बाजार, घाटों व तटवर्ती क्षेत्रों का संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया।
ये भी रहे मौजूद
इस दौरान उप निदेशक गंगोत्री नेशनल पार्क आरएन पाण्डे, एसडीएम बृजेश कुमार तिवारी, ईई सिंचाई खंड उत्तरकाशी केएस चौहान, ईई लोनिवि भटवाड़ी नीरज कुमार अग्रवाल, गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल, महेश सेमवाल, संजीव सेमवाल आदि रहे।
तटवर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा को मजबूत ढांचा तैयार करने की जरूरत
गंगोत्री धाम पहुंचे डीएम डॉ बिष्ट ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को धाम के दोनों तटवर्ती क्षेत्रों में नई तकनीक का इस्तेमाल कर सुरक्षित व सुविधाजनक घाटों व तटबंधों का निर्माण की योजना तैयार करने के निर्देश दिए। कहा कि बाढ़ सुरक्षा के लिए बांधों जैसा मजबूत ढांचा तैयार करवाया जाना जरूरी है।
उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को नदी तल में जमा मलबे को हटाकर नदी को मूल प्रवाह क्षेत्र की तरफ मोड़ने के लिए जल स्तर कम होते ही चैनेलाइजेशन की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए ।
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