U Times, उत्तरकाशी
वरुणावत पर्वत पर प्रभावित क्षेत्र का मौका मुआयना करने के बाद तकनीकी टीम ने देर शाम डीएम को अपनी रिपोर्ट सौंपी। टीम ने अपनी रिपोर्ट में प्रभावित जोन में भविष्य में बड़े भूस्खलन की संभावना जताई है। टीम ने जियोलॉजिकल सर्वे को आवश्यक बताया है। पहाड़ी पर क्रेक्स कहीं नहीं है, इसका जिक्र रिपोर्ट में किया है, जो इस बात का भी संकेत है कि फिलहाल कोई बड़ा भूस्खलन नहीं होने वाला।
डीएम डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट ने भी रिपोर्ट के सभी पहलुओं पर गौर करते हुए इसे शासन को भेजकर जरूरी सुरक्षा इंतजाम की आवश्यकता पर बल दिया है। टीम ने इस बात की पूरी संभावना जताई है कि वरुणावत पर्वत पर धूप और बारिश में बड़ा भूस्खलन दस्तक दे सकता है।
U Times, No.1
बुधवार शाम को बातचीत में सर्वेक्षण टीम के सदस्य व अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग केएस चौहान ने बताया कि डीएम के आदेश पर टीम ने भूस्खलन प्रभावित एरिया का सर्वेक्षण किया है।
उन्होंने कहा कि अधिक बारिश होने के कारण मस्जिद मोहल्ला और गुफियारा के मध्य वरुणावत की पहाड़ी पर भूस्खलन जोन उभरा है। उन्होंने बताया कि यहां करीब 20 से 30 मीटर लंबा और 15 मीटर चौड़ा और ऊंचा भूस्खलन जोन सक्रिय हुआ है। बारिश के दिनों में यहां पत्थरों के गिरने की संभावना है। हालांकि भविष्य में भूस्खलन का खतरा कितना हो सकता है, इसके लिए एक्सपर्ट की राय ली जानी जरूरी है।
अधिकारी ने बताया कि पहाड़ी से नीचे की ओर से रॉक फॉल बैरियर तक मलबा नहीं पहुंचा है। यहां करीब छह सात मीटर तक स्पेस उपलब्ध है, जहां ऊपर से मलबा गिरने से आसानी से रूक सकता है। हालांकि, पेड़ गिरने से स्लोप अधिक बना है। जहां से धीरे-धीरे मलबा गिर सकता है।
भूस्खलन के आगे बढ़ने की संभावना नहीं है। रॉक के ऊपर लूज पोर्शन से पत्थर व पेड़ गिरने की आशंका है। पहाड़ी पर लूज मेटेरियल ज्यादा है, इस लिहाज से भी खासतौर पर रात में बारिश के दिनों में रहना सुरक्षित नहीं है। नीचे घनी आबादी वाला क्षेत्र है, सुरक्षा की दृष्टि से एहतियात बरतनी जरूरी है।
0 टिप्पणियाँ
Please Leave a comment below in the box and share your feedback with us.