प्रकाश रांगड़, उत्तरकाशी
उत्तरकाशी जनपद में लगातार आ रहे भूकंप के झटके डर पैदा कर रहा है। स्थानीय जनमानस इस बात से आशंकित है कि कहीं वर्ष 1991 की तरह विनाशकारी भूकंप दोबारा ना आ जाए। उत्तरकाशी में पिछले आठ दिन में नौ बार भूकंप आ चुका है, लिहाजा लोगों में बड़े भूकंप का डर स्वाभाविक रूप से बढ़ गया है।
हालांकि, नौ बार आए भूकंप की तीव्रता हर बार 3.5 से ज्यादा नहीं रही है। 2.7 मैग्नीट्यूड का भूकंप इन आठ दिनों में सबसे ज्यादा बार आया है। तकरीबन चार से पांच बार।
U Times, No.1
अब सवाल है कि क्या लगातार आ रहे झटके बड़े भूकंप की आहट है? अगर 1991 की तरह 6.8 तीव्रता का भूकंप आ गया तो क्या होगा? ऐसा नहीं है कि 1991 के बाद उत्तरकाशी में इतनी तीव्रता का भूकंप नहीं आया।
उत्तरकाशी में भूकंप के पिछले कुछ सालों का इतिहास टटोल कर देखें तो 7.0 से अधिक तीव्रता का भूकंप भी आया है, लेकिन भूकंप की टाइमिंग मुश्किल से 2 से 3 सेकंड ही रही। जहां तक सवाल बड़े भूकंप का है, तो साल 91 के बाद 25 अप्रैल 2015 को उत्तरकाशी की धरती 7.8 तीव्रता के भूकंप से डोल चुकी है। हालांकि, यह भूकंप चंद सेकंड ही आया।
वर्ष 1991 के बाद उत्तरकाशी में भूकंप के इतिहास पर नजर डालें, तो पता चलेगा कि समय-समय पर यहां बड़े भूकंप कई बार आहट दे चुके हैं। उत्तरकाशी में 20 अक्तूबर 1991 की रात को 6.8 तीव्रता का भूकंप आया। 29 मार्च 1999 को 6.8 तीव्रता का भूकंप, 21 सितंबर 2009 में 4.7 तीव्रता का भूकंप, 4 अप्रैल 2011 को 5.7 तीव्रता का भूकंप, 20 जून 2011 को 4.6 तीव्रता का भूकंप, 10 फरवरी 2012 को 5 तीव्रता का भूकंप, 25 अप्रैल 2015 को 7.8 तीव्रता का भूकंप, 7 फरवरी 2017 को 5.8 तीव्रता का भूकंप, 7 जून 2018 को 4.4 तीव्रता का भूकंप, 6 नवंबर 2022 को 4.5 तीव्रता का भूकंप आ चुका है।
ये बड़ी तीव्रता वाले भूकंप हैं, जिनकी गिनती की जा सकती है। इससे छोटी तीव्रता के सैकड़ों भूकंप अब तक आ चुके हैं और इसी जनवरी माह में पिछले आठ दिन के भीतर तो नौ बार भूकंप अपनी दस्तक दे चुका है।
ये आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि भविष्य में अगर 7.0 से अधिक तीव्रता का भूकंप भी आता है, तो डरने की जरूरत नहीं है। बल्कि इस बात को समझने की जरूरत है कि भूकंप जब आता है तो कितनी देर तक रह सकता है, जिससे काफी नुकसान की संभावना रहती है।
इसके साथ ही देखा जाए, तो भूगर्भ विशेषज्ञ लगातार इस बात को मान रहे हैं कि उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में आ रहे छोटे छोटे भूकंप बड़े भूकंप की आहट है, लेकिन भूकंप कब आएगा, कितनी तीव्रता का आ सकता है और किस जगह बड़ा भूकंप आने की संभावना है, बड़ा भूकंप आएगा भी या नहीं, इसका कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण तो कोई नहीं दे सकता। इतनी टेक्नोलॉजी (सिस्मोलॉजी) अभी विकसित हुई भी नहीं है कि पता चल सके कि कब कितनी तीव्रता का भूकंप आने वाला है। लगातार आ रहे भूकंप के झटकों के बाद अनुमान ही एक मात्र तरीका है, जो बड़े भूकंप की आशंका का आधार माना जा रहा है।
0 टिप्पणियाँ
Please Leave a comment below in the box and share your feedback with us.