UKSSSC ब्रेकिंग न्यूज:
पेपर लीक मामले में दो लाख के ईनामी वान्टेड सादिक मूसा और एक लाख ईनाम वाला आरोपी योगेश्वर राव लखनऊ से गिरफ्तार
U Times, उत्तरकाशी
ग्लेशियर लेडी के नाम से चर्चित शांति ठाकुर ने गंगोत्री हिमालय के रक्तवन में आचार्य बालकृष्ण के संयुक्त संजीवनी खोज और शोध अभियान पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में इस तरह का अभियान प्रतिबंधित होना चाहिए। इससे हिमालयी ग्लेशियरों को नुकसान पहुंचने के साथ ही अवैध जड़ी-बूटी के दोहन को बढ़ावा मिल रहा है। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। U Times, खबरों में No.1शांति ठाकुर ने गुरूवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि रक्तवन में संजीवनी की खोज महज एक बिजनेस स्ट्रैट्जी है। उत्तराखंड में पतंजलि के एक हजार करोड़ के निवेश का यहां के युवाओं को कोई लाभ नहीं मिलेगा, बल्कि ये कदम सिर्फ एक बिजनेस की सोच से प्रेरित है। कहा कि पतंजलि योगपीठ के स्वामी बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के तत्वाधान में एनआईएम के साथ मिलकर रक्तवन में गए अभियान दल को जड़ी-बूटी खोज और शोध के लिए सरकार की तरफ से परमिशन देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह के अभियानों से हिमालयी ग्लेशियरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जिससे आने वाले समय में संपूर्ण पारिस्थितिकी खतरे में पड़ सकती है।
Play and watch video 👇
शांति ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में जड़ी बूटी के दोहन पर पूरी तरह से प्रतिबंध है और ईको सेंसिटिव जोन भी घोषित है, बावजूद इसके नियमों को ताक पर रखकर गैर कानूनी तरीके से दल को रवाना किया गया। कहा कि अगर सरकार पतंजलि को हिमालय में जड़ी-बूटी खोज और शोध की परमिशन दे सकती है, तो स्थानीय युवाओं को भी अनुमति मिलनी चाहिए। कहा कि 22 वर्षों से ग्लेशियरों की संरक्षण की आवाज उठा रही हैं। उन्होंने राष्ट्रपति को भी ज्ञापन भेजा है। वार्ता में कल्पना ठाकुर, राजेश डोभाल, कमला, उर्मि देवी, गंगा, मीना थे।
0 टिप्पणियाँ
Please Leave a comment below in the box and share your feedback with us.