U Times, उत्तराखंड
वायरल सूची में दिखाया गया कि आरएसएस के प्रांत प्रचारक युद्धवीर ने जीजा का साला, चचेरा भाई, ममेरा भाई, फुफेरा भाई, फुफेरी बहन, जीजा की बहन, भाई का साला, भांजा, भांजी, भतीजी इत्यादि -इत्यादि, सबको विभागों में फिट किया और ठेके दिलाए। यहां तक कि, बपचन के दोस्तों को भी सरकारी विभागों में नौकरी की रेवड़ियां बांटी। सूची के अनुसार ये नौकरियां वर्ष 2017 से 2022 तक अपने रिश्तेदारों को दिलाई गई । जो सूची फर्जी बताई जा रही है। हालांकि एसटीएफ ने वायरल करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद मामले की जांच कर रही है।
सोशल मीडिया में वायरल हो रही इन सूचियों की यू टाइम्स भी पुष्टि नहीं करता है, लेकिन सोशल मीडिया पर जारी सूचियां इसका आधार बन रही थी।
ये तो अभी तक पिछले भर्ती घपले से भी साफ है कि उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद चरम सीमा पर है, जिसका अंदाजा शायद इस प्रदेश के युवाओं को कभी नहीं रहा होगा। लेकिन जब से UKSSSC की वीपीडीओ भर्ती पेपर लीक घोटाला उजागर हुआ है, तब से हर रोज रोजगार भर्तियों को लेकर नए खुलासे हो रहे हैं।
हरीश रावत ने सोशल मीडिया में डाली सूची, उठाए सवाल
हालांकि इस मामले में मुकदमा दर्ज हो गया। लेकिन इससे पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने ये मुद्दा उठा दिया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर ये सूची डालते हुए लिखा कि पिछले पांच-छह साल में ऐसी सैकड़ों नियुक्तियां हुई हैं, जो नियुक्तियां नहीं हो सकती हैं। स्पष्ट तौर पर उत्तराखंड के लोगों का हक मारकर के प्रभावशाली लोगों ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया और अपने निकटस्थ व परिवार के लोगों की नियुक्तियां दी।
उसी तरीके से किस प्रकार से ठेके दिलवाए गए हैं, जिसमें पीडब्ल्यूडी, इरीगेशन, यूपीसीएल शामिल हैं। और यदि विभागों के अंदर साज-सज्जा सामान खरीद आदि के ठेके हैं, वह सारी लिस्टें यदि संज्ञान में आ जाएं तो किस तरीके से पिछले 6 सालों के अंदर उत्तराखंड लूटा है या लुटवाया गया है, उसकी एक तस्वीर आपके सामने आ जाएगी।
सच्चाई की पुष्टि कर जांच बिठाए सरकार : सजवाण
लिस्ट वायरल होने पर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष और गंगोत्री के पूर्व विधायक विजयपाल सिंह सजवाण ने कहा कि यदि इसमें सच्चाई है तो सरकार इसकी पुष्टि करे और जांच बिठाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार को रोज उजागर हो रहे ऐसे मामलों में कार्रवाई को लेकर कड़ा स्टैंड लेने की जरूरत है। अगर एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज किया है, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो जो बेवजह किसी की छवि धूमिल करने का काम कर रहे हैं।
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