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दलित युवक से मारपीट मामले में परिजनों का मोरी थाने में हंगामा !

 U Times, पुरोला

मोरी विकासखण्ड के बैनोल गांव के दलित युवक के साथ मारपीट का मामले को लेकर गुरूवार को मोरी थाने में परिजनों ने जमकर बवाल काटा। परिजनों ने आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग करते हुए गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराएं बढ़ाने की मांग की। बवाल बढ़ता देख सीओ प्रशांत कुमार मोरी थाना पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों को मामले में आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने और धाराएं बढ़ाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद मामला शांत हो गया। 

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दरअसल, मोरी के सालरा गांव में कौंवल महाराज मंदिर में बीते सोमवार को अनुसूचित जाति के एक युवक के जबरन घुसने पर गांव के कुछ लोगों ने उसके साथ मारपीट कर दी। आरोप है कि गांव के कुछ सवर्ण जाति के युवकों ने उसे जलती आग में डाला और उसे बुरी तरह से घायल कर दिया। 

तीन दिन पहले हुई इस घटना को लेकर बुधवार को युवक के पिता ने बेटे नाम से थाना मोरी में तहरीर दी। उन्होंने तहरीर में मारपीट व जाति गत शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। युवक के पिता की तहरीर पर मोरी पुलिस ने गांव के पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज भी किया है। मामला दर्ज होने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर परिजनों में रोष व्याप्त है। मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर गुरूवार को परिजनों ने मोरी थाने में जमकर बवाल भी काटा। 

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फिलहाल पुलिस ने परिजनों ने शीघ्र ही आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन देकर शांत करा दिया। मामले में पुलिस उपाधीक्षक प्रशांत कुमार ने बताया पीड़ित के पिता अत्तर लाल के बयानों के आधार पर मामले में गैर इरादतन की हत्या की धारा 307 बढ़ा दी गई है। नामजद पांच आरापियों की गिरफ्तारी को थानाध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस टीम रवाना कर दी गई है। स्वयं भी मामले की जांच को बैनोल गांव जा रहे हैं।

 मामले में ग्रामीणों ने लगाया षड्यंत्र रचने का आरोप 

बैनोल गांव में युवक के साथ मारपीट व जलाकर घायल करने के मामले में ग्रामीणों ने षडयंत्र के तहत फंसाने का आरोप लगाया। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ बाहरी लोगों की राजनीति के कारण ग्रामीण क्षेत्र की परम्पराओं व आपसी सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया गया है। ग्रामीणों ने आरोपियों की गिरफ्तारी का विरोध किया है। 

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बैनोल गांव की ग्रामीण रामचन्द्री, सुनीता, हरण देवी, दीना देवी व नार देवी आदि महिलाओं ने पीड़ित परिवार की तहरीर को झूठा करार दिया। कहा कि ये एक साजिश है।अगर ऐसा है तो रात को मंदिर में युवक का क्या काम था। जबकि परम्पराओं को सभी जाति के लोग मानते हैं, जो सदियों से चली आ रही है। 

उन्होंने कहा कि मामला आपस में ही सुलझा दिया गया था, लेकिन बाहरी लोगों के इशारे पर फिर से मामले को तूल दिया गया। जो कि सरासर ग्रामीणों के आपसी सौहार्द व परम्पराओं को खराब करने का षड्यंत्र माना जा सकता है।

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