प्रकाश रांगड़, सिलक्यारा/उत्तरकाशी
सिलक्यारा टनल के अंदर नौ दिनों से जारी कोशिशों के बाद आखिरकार छह इंच का एक अतिरिक्त लाइफ सपोर्टिंग पाइप मजदूरों तक पहुंचाने में कामयाबी मिली है। अधिकारियों ने इसकी कुल लंबाई 53 मीटर बताई है।
इसके साथ ही अब ये भी साफ़ हो गया है कि सिलक्यारा सुरंग के मुहाने से अंदर करीब 53 मीटर की दूरी पर 41 मजदूर जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। ड्रिल करके अंदर डाले गए इस पाइप के जरिए अंदर फंसे मजदूरों तक खाद्य सामग्री, दवाएं इत्यादि भेजी जाएगी।
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सोमवार देर शाम को पत्रकारों से बातचीत करते हुए एनएचआइडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खलको ने कहा, हर्ष की बात है कि पिछले नौ दिन से जारी कोशिशों के बाद हमारी रेस्क्यू टीम को पहला ब्रेक थ्रो मिला है।
सुरंग के अंदर शाम लगभग चार बजे एक अतिरिक्त लाइफ सपोर्टिंग पाइप सफलतापूर्वक डाल दिया गया है। इस पाइप जरिए मजदूरों को दाल, चावल, फल, दवा, लिक्विड सहित अन्य जरूरी सामग्री भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस पाइप से जरिए मजदूर अब हमारी रेस्क्यू टीम को सुन सकते हैं, समझ सकते हैं। इससे अंदर फंसे मजदूरों का मनोबल बढ़ा है।
देर रात चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पहुंचीं मशीनें
सिलक्यारा में लंबवत सुराख करने के लिए रेस्क्यू तेज हो गया है। इस बीच सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर लंबवत सुराख के लिए ड्रिलिंग मशीनें चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पहुंच चुकी हैं। हेली से उपकरणों को अनलोड कर वाहनों में लोड किया जा रहा है।
आज रात शुरु हो सकता है ड्रिलिंग का काम
देर रात सुरंग के अंदर ड्रीलिंग का काम फिर से शुरू हो सकता है। जिसके तहत 900 एमएम डाय के ह्यूम पाइप बिछाकर मजदूरों को बाहर निकालने का प्लान है। अधिकारियों ने फूड पाइप की सफलता के बाद ऐसे संकेत दिए हैं। इसके साथ ही
अब ये साफ हो गया है कि मजदूरों तक पहुंचने के लिए दूरी महज 53 मीटर ही है।
पहाड़ी पर सड़क लगभग तैयार, सुरंग के अंदर होलो पाइप बिछे
रेस्क्यू कार्य में लगे लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरंग के अंदर किनारे से कंक्रीट के होलो पाइप भी डाले जा रहे हैं, ताकि उपर से लूज पोर्शन का मलबा गिरे तो काम करने वाले सुरक्षित रह सके।
वहीं सुरंग के ऊपरी छोर से सुराख बनाने के लिए सड़क निर्माण का काम अंतिम दौर में है। अब तक 1200 मीटर सड़क बनकर तैयार हो चुकी है। सिलक्यारा साइड से सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर डेढ़ किमी आगे जाकर सुराख बनाने के लिए डेढ़ किमी सड़क तैयार की जानी है। इसी सड़क के जरिए पहाड़ी पर ड्रिलिंग मशीनों को पहुंचाया जाएगा। पहाड़ी पर करीब 88 मीटर लंबवत ड्रिलिंग करके मजदूरों को बाहर निकालने का ये रेस्क्यू प्लान तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
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सिलक्यारा में फिलहाल चार प्लान पर काम करते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है। बड़कोट वाली छोर से भी सुरंग खुदाई के लिए टीएचडीसी ने सोमवार को सर्वे पूरा कर लिया है। जल्द ही इस पर भी काम चालू होगा। इसके अलावा एस्केप टनल और एडिट टनल बनाने के रेस्क्यू प्लान पर काम मंगलवार से शुरू हो सकता है।
सिलक्यारा में सरकार के आपदा प्रबंधन की पोल खुली: आर्य
सिलक्यारा टनल में पिछले 9 दिनों से फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए जारी रेस्क्यू कार्य के बीच सोमवार को नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य भी घटनास्थल पहुंचे। उन्होंने साथ पहुंचे पूर्व विधायक गंगोत्री विजयपाल सजवाण व पूर्व विधायक केदारनाथ मनोज रावत के साथ घटनास्थल का स्थलीय निरीक्षण किया।
यहाँ पहुंचे नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सिलक्यारा टनल के मामले में न केवल प्रदेश के बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी आपदा प्रबंधन की पोल खुली है।
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