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उत्तरकाशी ( न्यूज स्रोत: सूचना विभाग)
बीती मंगलवार रात वरूणावत पर्वत से बोल्डर गिरने के बाद बृहस्पतिवार को आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन उत्तरकाशी पहुंचे। उन्होंने वरूणावत पर्वत से हुए भूस्खलन का जायजा लिया। कहा कि विशेषज्ञ एजेंसी की मदद लेने के बाद प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षात्मक उपाय शुरू किए जाएंगे।
भूस्खलन का मलबा व पत्थर आबादी क्षेत्र तक न पहुंचे इसके लिए वरूणावत तलहटी में सुरक्षा दीवार व रेलिंग का निर्माण भी किया जायेगा। उन्होंने सुरक्षा कार्य होने तक खतरे की संभावना वाली जगहों से लोगों को अन्यत्र सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
फोटो: वरुणावत भूस्खलन का जायजा लेते आपदा सचिव
आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने अधिकारियों के साथ गत 27 अगस्त की रात्रि को भारी बारिश के कारण वरूणावत से हुए भूस्खलन की स्थिति का स्थलीय निरीक्षण किया। संभावित खतरे की पड़ताल कर सुरक्षा कार्यों को लेकर अधिकारियों के साथ चर्चा की। उन्होंने कहा कि वरूणावत से प्रभावित परिवारों को नियामानुसार किराया और सहायता राशि का भी भुगतान किया जाय।
कहा कि भूस्खलन के उपचार के लिए टो-प्रोटेक्शन और एंकरिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल करने के साथ ही भूस्खलन के मलबे व पत्थरों को आबादी वाले क्षेत्र तक न पहुंचने देने के लिए दो स्तरीय सुरक्षा ढांचे का निर्माण करने पर विचार किया जाएगा। इसके लिए किसी विशेषज्ञ संगठन का सहयोग लेकर सभी आवश्यक कार्य जल्दी शुरू करवाए जाएंगे।
उन्होंने निरीक्षण में मस्जिद मोहल्ला के ऊपरी क्षेत्र में लगी सुरक्षा रेलिंग को गुफियारा की तरफ विस्तारित किए जाने के साथ ही गैबियन वाल का निर्माण करने की जरूरत भी बताई। उन्होंने इस दौरान गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में हुए नुकसान की भी जानकारी ली और धामों में क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण एवं प्रभावित सुविधाओं की बहाली को लेकर प्रस्ताव शासन को भेजने की बात कही। इसके लिए आवश्यक स्वीकृतियां जल्दी ही जारी कर दी जाएंगी।
विशेषज्ञ संगठन से सर्वेक्षण कराना जरूरी : डीएम
डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने भूस्खलन की स्थिति एवं प्रशासन के द्वारा की गई कार्रवाई से आपदा सचिव विनोद कुमार को अवगत कराया।
उन्होंने प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा के लिए तात्कालिक उपाय सुनिश्चित किए जाने का आग्रह किया। डीएम ने भूस्खलन को लेकर जिला स्तर पर गठित तकनीकी समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट के निष्कर्षों एवं संस्तुतियों का भी उल्लेख किया और भूस्खलन के उपचार व सुरक्षा के लिए किसी विशेषज्ञ संगठन से सर्वेक्षण कराकर जरूरी सुरक्षात्मक उपाय पर बल दिया।
स्थलीय निरीक्षण में ये अधिकारी भी रहे
इस दौरान डीएम डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट, एसपी अर्पण यदुवंशी, सीडीओ जय किशन, एडीएम रजा अब्बास, डीएफओ डीपी बलूनी, एसडीएम भटवाड़ी बृजेश कुमार तिवारी, नवाजिश खलीक, बीआरओ के अधिकारी प्रशांत पाटिल,ईई लोनिवि रजनीश सैनी, ईई सिंचाई केएस चौहान, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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