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उत्तरकाशी के चर्चित समाजसेवी और सूबेदार हेमचंद नहीं रहे, देश के लिए लड़े थे तीन युद्ध

U Times, उत्तरकाशी

देश की रक्षा के लिए तीन युद्ध लड़ने वाले जांबाज सिपाही, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता, प्रसिद्ध समाजसेवी तथा आर्मी के रिटायर सूबेदार हेमचंद रमोला का 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन से चिन्यालीसौड़ की दिचली पट्टी सहित पूरी गंगाघाटी में शोक की लहर है। 

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वे दिचली स्थित सर्प गांव के रहने वाले थे। जिला अस्पताल में भर्ती थे, जहां मगंलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। काफी खुशमिजाज और घुले मिले स्वभाव के थे। लोगों के बीच उनकी मौजूदगी माहौल को खुशनुमा बना देती थी। एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी खासे लोकप्रिय रहे।

जनप्रतिनिधियों ने जताया शोक 

यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल, गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान, पूर्व विधायक विजयपाल सिंह सजवाण, जिलाध्यक्ष भाजपा सत्येंद्र राणा, पूर्व जिलाध्यक्ष अध्यक्ष भाजपा रामसुंदर नौटियाल, उत्तरकाशी के वरिष्ठ नागरिक महेश पंवार आदि ने शोक जताया। 

उनका सैन्यकाल का इतिहास 

सूबेदार रमोला 1960 में गढ़वाल राइफल में भर्ती हो गए थे। 1962 में भारत और चीन का युद्ध घोषित हो गया और उन्होंने देश के लिए यह लड़ाई लड़ी। उसके बाद 1965 और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में उन्होंने अपनी अहम भूमिका निभाई। 

1988 में वह सेवानिवृत्त हो गए थे। उसके बाद उन्होंने क्षेत्र के सामाजिक कार्यों में हिस्सा लिया और लोगों के सुख-दुख में साथ रहे। वह दिचली, गमरी, बिष्ट पट्टी में खासे लोकप्रिय व्यक्तित्व थे।

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