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'न्यू उत्तरकाशी विजन' को साकार करने का समय आ गया, दुनिया देखेगी यहां की चमक: डीएम

U Times, उत्तरकाशी

डीएम डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा है कि न्यू उत्तरकाशी विजन को साकार करने का समय आ गया है। इसके लिए प्रशासन दीर्घकालीन योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है। 

उन्होंने कहा कि विशेषकर पर्यटन और तीर्थाटन विकास की संभावनाओं को ध्यान में रखकर जनपद के विकास को आगे बढ़ाने की दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया गया है। चारधाम यात्रा के बेहतर संचालन के लिए प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ जुटा है।

U Times, No.1

सोमवार को पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में डीएम डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि उत्तरकाशी में विकास की उन दीर्घकालीन योजनाओं को धरातल पर उतारा जाना बाकी है, जिनसे यहां पर्यटक खिंचा चला आएगा। उन्होंने कहा कि शहर के बीचों बीच भागीरथी नदी के किनारे मरीन ड्राइव का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इसमें करीब 60 करोड़ का खर्चा आएगा। उत्तरकाशी के आसपास क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण भी बेहद जरूरी है। 

इसी तरह सीवेज ट्रीटमेंट प्लान, ड्रेनेज सिस्टम में सुधार के प्रयास हो रहे हैं। 167 करोड़ की लागत से यमुनोत्री रोपवे का निर्माण कार्य भी इस साल से शुरू हो जाएगा। इस रोपवे के बनते ही यमुनोत्री धाम का पांच किमी का सफर 15 मिनट में तय हो जाएगा। जिसमें एक बार में करीब 500 यात्री जा सकेंगे। 

उन्होंने यमुनोत्री धाम की यात्रा को आसान बनाने पर खासा जोर देते हुए कहा है कि यहां पैदल रूट पर सुगम आवाजाही के लिए दो रूट (टू वे) तैयार करने की दिशा में काम करेंगे। जबकि बरसाती सीजन में यमुनोत्री की यात्रा रोकने वाला डबरकोट जोन के स्थायी ट्रीटमेंट की डीपीआर तैयार करने के निर्देश कार्यदायी संस्था को दिए गए हैं। 

डीएम ने कहा कि यमुनोत्री धाम में यात्री सुविधा की बेहत्तरी के लिए हेलीपैड निर्माण का प्रस्ताव भी तैयार किया जाएगा। बड़ेथी से गंगोत्री धाम तक ऑलवेदर प्रोजेक्ट के तहत सड़क चौड़ीकरण के कार्य को जल्द गति देंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन गंगोत्री यमुनोत्री के साथ ही जनपद के विकास को गति देने के लिए अपनी पूरी क्षमता के साथ उक्त सभी दीर्घकालीन योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कटिबद्ध है।

लंबे समय से अटकी समस्याओं का त्वरित समाधान किया 

 डीएम डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट ने पदभार संभालते ही उन्होंने शिकायतों और समस्याओं को गंभीरता से लिया और उन्हें धरातल पर उतारने की प्रतिबद्धता दिखाई। यही वजह है कि पिछले करीब आठ वर्षों से अधर में लटके बहुप्रतीक्षित तिलोथ पुल से आवाजाही शुरू हो सकी। 

तिलोथ पुल पर सुस्ती के साथ चल रहे काम से स्थानीय जनता बेहद परेशान थी। जिसका संज्ञान लेकर डीएम ने 31 मार्च से पहले पुल पर अधिकारियों को सख्ती से आवाजाही शुरू कराने के निर्देश जारी किए थे। 

इसी तरह चिन्यालीसौड़ के आर्च ब्रिज में खतरे को देखते हुए बड़े वाहनों की आवाजाही रोकने के निर्देश दिए। धरासू में लंबे समय से आवागमन में परेशानी का सबब बने हाईवे के हिस्से को अब जाकर चौड़ा किया जा सका। 


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