U Times, मोरी
उत्तरकाशी जिले के सीमांत विकासखंड मोरी के झोटाड़ी गांव में एक पशुपालक की गाय को प्रसव में कठिनाई होने पर पशुपालन विभाग की टीम अपने गेस्ट हाउस से 26 किमी दूर गाय की जान बचाने पहुंची। डिस्टोसिया से पीड़ित गाय के गर्भाशय से बछड़े को बाहर निकाल टीम ने सफल इलाज किया।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. भरत दत्त ढौंढियाल ने रविवार को बताया कि जानवरों में डिस्टोसिया (dystocia) की शिकायत आम है, जिसमें जानवरों (Animals) को जन्म देने में कठिनाई होती है।
डॉ. भरत ने बताया कि शनिवार की सुबह झोटाड़ी गांव का एक पशुपालक वन विभाग के आराकोट गेस्ट हाउस में आया था और गाय के प्रसव में कठिनाई होने की सूचना दी थी। जिसके बाद सुबह साढ़े 11 बजे डॉ. नमित बिजल्वाण और मनोज को टीम के साथ मौके पर भेजा। वन विभाग गेस्ट हाउस (Guest House) आराकोट से 26 किलोमीटर दूर और करीब डेढ़ किमी की पैदल दूरी नापकर टीम ओडासू पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद जरूरी दवा देकर डिस्टोसिया का इलाज करने में सफल रही। टीम की ओर से गाय की जान बचाने पर पशुपालक ने विभागीय अधिकारियों और डॉक्टरों (Doctors) का आभार जताया।
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