U Times, देहरादून
विधानसभा भर्ती घोटाले की एक महीने की लंबी जांच के बाद अनियमितता पाए जाने पर शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी ने साल 2016 से लेकर 2022 तक हुई 228 तदर्थ नियुक्तियों को निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही बैकडोर भर्ती मामले में विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल की संदिग्धता मानते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
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विधानसभा भर्ती मामले में विशेषज्ञ जांच समिति की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को सौंपी रिपोर्ट के बाद यह निर्णय लिया गया। विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समिति की जांच रिपोर्ट को सराहनीय बताते हुए कहा कि समिति ने अपनी रिपोर्ट में विधानसभा की तदर्थ नियुक्तियों में अनियमितता पाई है। उन्होंने कहा कि 2016 तक 150 पद, 2020 में 6 पद व 2021 में 72 भर्ती के अलावा उपनल से हुई 32 भर्ती में अनियमितता हुई। जिसके लिए कोई विज्ञप्ति जारी नहीं की गई और न ही कोई परीक्षा हुई। समिति ने इन तमाम नियुक्तियों को निरस्त करने की सिफारिश की है। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने इन नियुक्तियों को निरस्त करने के लिये शासन को प्रस्ताव भेजे जाने को कहा।
विधानसभा में ज्यादातर महिला कर्मचारी
देखा जाय तो इनमें से ज्यादातर महिला कर्मचारी हैं, जो विधानसभा से नौकरी जाने के बाद फूट-फूट कर रो रही हैं। कई महिलाएं सत्ता के नजदीकियों की पत्नी या फिर परिवार से हैं। जैसे ही मंत्री खंडूड़ी ने निरस्तीकरण का ऐलान किया, कर्मचारियों के आंसू छलक आए। गुस्से से लाल ने विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूड़ी को घेरते हुए भर्ती को निरस्त न करने की गुहार लगाई।
सीएम धामी ने ट्वीट कर तारीफ की
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के नियुक्तियों को रद्द करने के ऐलान के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर उनकी तारीफ की। उन्होंने कहा कि निर्णय काबिले तारीफ है। आगे होने वाली भर्तियां पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से हों, इसके लिए सरकार प्रतिबद्ध है। आगे सभी भर्तियां नियम और नियमावली के तहत संपन्न कराएंगे।
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