प्रकाश रांगड़, केदारनाथ
भैयादूज पर शीतकाल के लिए आज गुरुवार सुबह शुभ मुहूर्त में ठीक 8.30 बजे भगवान केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंद होने के बाद छह माह बाबा केदार की पूजा ओंकारेश्वर मंदिर में होगी। कपाट बंद होते ही बाबा की चल उत्सव विग्रह डोली श्रद्धालुओं के भारी जलसे के साथ शीतकालीन गद्दीस्थल के लिए प्रस्थान कर चुकी है। आज उत्सव डोली रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी।
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इससे पूर्व बुधवार को बाबा केदार की भोग मूर्तियों को चल उत्सव विग्रह डोली में विराजमान किया गया। इसके उपरांत विधि विधान से बाबा की डोली को मंदिर के सभामंडप में विराजमान किया गया। केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारें स्वर्णमंडित की गईं थी। 550 सोने की परतों से दीवारों को भव्य रूप दिया गया। केदारनाथ के कपाट बंद होने बाद 28 अक्टूबर को डोली विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में विश्राम करेगी और 29 को डोली ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी।
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आज सोनप्रयाग होते हुए बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली अपने पहले पड़ाव रामपुर में रात्रि प्रवास करेगी। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के ईओ रमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि आज सुबह विधि विधान से भगवान केदारनाथ धाम के कपाट शुभ लग्न में ठीक 8.30 बजे देश विदेश के श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ बंद कर दिए गए हैं। इस मौके पर हजारों श्रद्धालु कपाट बंद के साक्षी बने।
19 नवंबर को बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट
बदरीनाथ धाम के कपाट मीन लग्न में 19 नवंबर को अपराह्न 3:35 बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। 20 नवंबर को आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, कुबेर और उद्धव की उत्सव डोली धाम से अपने शीतकालीन प्रवास स्थल पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेगी।
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