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गड़बड़झाला: तथ्यों को छुपाने के लिए उत्तरकाशी के युवा कल्याण विभाग ने थमा दी आधी अधूरी सूचना

U Times, उत्तरकाशी

पीआरडी जवानों की नियुक्ति को लेकर विवादों में रहने वाला जिला युवा कल्याण एवं प्रारद विभाग उत्तरकाशी एक बार फिर सवालों के घेरे में है। विभाग ने तथ्यों को छुपाने के लिए आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना आधी अधूरी थमाकर इतिश्री कर ली। 

इतना ही नहीं, आधी अधूरी सूचना का अवलोकन करने पर पता चला है कि विभाग में काफी गड़बड़झाला है।

U Times, No.1

दरअसल, एक आरटीआई कार्यकर्ता ने जिला युवा कल्याण एवं प्रारद विभाग के लोक सूचना अधिकारी के समक्ष एक मार्च 2023 को आईटीआई आवेदन प्रस्तुत कर सात बिंदुओं का उल्लेख करते हुए सूचना मांगी थी, लेकिन विभाग ने आवदेन को गंभीरता से नहीं लिया। निर्धारित 30 दिन बीतने पर विभाग ने सूचना नहीं दी। इसके बाद उन्होंने अपीलीय अधिकारी के समक्ष प्रथम अपील दायर की, जिसका संज्ञान लेते हुए विभाग को एक सप्ताह के भीतर सूचना निशुल्क उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। विभाग ने सूचना तैयार करने में काफी वक्त लगाते हुए लगभग एक सप्ताह पहले आवेदक को सूचना उपलब्ध कराई। सूचना का अवलोकन किया तो पता चला कि विभाग ने आधी अधूरी सूचना तैयार करके भेजी है। ऐसे में उन्होंने विभागीय सूचना को पूरी तरह से नकारते हुए दोबारा सूचना मांगने बात कही है।

ये सूचना मांगी गई थी

आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि जिला युवा कल्याण विभाग से उन्होंने वर्ष 2018 से अब तक खेल महाकुंभ और युवा महोत्सव के लिए अवमुक्त धनराशि और इसके वर्षवार बिल बाऊचर समेत मदवार खर्चे का विवरण मांगा था। साथ ही विभागीय डिमांड लेटर के साथ वर्तमान में पीआरडी जवानों की नियुक्ति और वाहनों पर व्यय धन आदि का ब्यौरा सूचना के माध्यम से मांगा गया था, लेकिन विभाग ने वर्षवार सूचना तैयार करके नहीं दी। अनाप-शनाप तरीके से फोटो कॉपी भेजकर गुमराह करने का प्रयास किया। सूचना के नाम पर वित्तीय वर्ष 2020-21 में सिर्फ चार पांच डिमांड लेटर की कॉपी भिजवाई है। अन्य कोई सूचना नहीं दी है। जबकि 2018-19 और 2019-20 के तहत आधी अधूरी सूचना दी गई।

बिल बाउचर्स में अनाप-शनाप व्यय दिखाया है

आधी अधूरी सूचना का अवलोकन करते हुए आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि विभाग में घपले बहुत हैं। बिल बाउचर्स में अनाप शनाप व्यय दिखाया गया है। बिलों के बाहर धनराशि कुछ और अंदर कुछ और अंकित है। खेल प्रतिभागियों के खाने पीने, आने जाने का व्यय भी ठीक प्रकार से नहीं दिया गया है। हैंड मेडेड बिल बनाकर लाखों का भुगतान किया गया है। कहीं डेट, तो कहीं साइन ही नहीं है। पीआरडी जवानों के डिमांड लेटर के नाम पर पुरानी प्रतियां दी गई है। गड़बड़झाला की आशंका पर उन्होंने विभागीय कार्यों की जांच की मांग की है।

अधूरी सूचना पर अधिकारी बोले,

जो सूचनाएं छूट गई हैं, उसके लिए आरटीआई कार्यकर्ता दोबारा से आवेदन करें। सभी सूचना फिर से मुहैया कराई जाएगी।

विजय प्रताप भंडारी, लोक सूचनाधिकारी, जिला युवा कल्याण उत्तरकाशी

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