प्रकाश रांगड़, उत्तरकाशी/पुरोला
उत्तरकाशी जिले के पुरोला में नाबालिग भगाने के प्रयास के मामले को लेकर मचे बवाल को शांत कराने सोमवार को डीएम अभिषेक रूहेला और एसपी अर्पण यदुवंशी पुरोला पहुंचे। देर शाम तक चली बैठक में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ क्षेत्र में आपसी सौहार्द और शांति बनाए रखने पर चर्चा हुई।
बैठक में अधिकारियों ने समुदाय विशेष के लोगों से व्यापार मंडल और जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर दुकानें खोलने को कहा। समुदाय विशेष के व्यापारियों ने अधिकारियों से कहा कि पुरोला में धमकी भरे पोस्टर लगने के बाद डर का माहौल पैदा हुआ है। इसलिए अब तक दुकानें नहीं खोली गईं।
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इस दौरान अधिकारियों ने दुकानें खोलने की अपील करते हुए समुदाय विशेष को पुलिस सुरक्षा देने का भरोसा दिलाया। साथ ही पोस्टर लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और बाहरी लोगों का सख्ताई से सत्यापन का आश्वासन दिया। डीएम ने कहा कि 15 जून को महापंचायत की कोई सूचना अब तक प्रशासन को नहीं है। उधर, मुस्लिम लीडर असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट लिख कर महापंचायत रोकने की प्रदेश सरकार से मांग रखी है।
सोमवार को घटना के 17 दिन बाद डीएम और एसपी पुरोला पहुंचे। जिला प्रशासन ने स्थानीय व्यापारियों व अन्य संगठन के लोगों के साथ बैठक कर दुकानें खोलने और शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।
बैठक में बात जब दुकानें खोलने की आई तो समुदाय विशेष के व्यापारी रियायत अली, अशरफ आदि ने बताया कि 45 वर्षों से पुरोला में दुकानदारी कर रहे हैं। हमें किसी से कोई शिकवा व शिकायत नहीं, लेकिन 15 जून को महापंचायत की धमकी भरे पोस्टर चिपकाए जाने से समुदाय विशेष के मन में डर का माहौल पैदा हुआ है।
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व्यापार मंडल अध्यक्ष बृजमोहन चौहान ने कहा कि अपराधी किस्म के समुदाय विशेष व्यवसायियों के अलावा किसी को भी पुरोला से जाने को नहीं कहा गया। जो भी दुकानें बंद करके गये हैं, वो अपनी इच्छा से गये। एसपी ने सभी जनप्रतिनिधियों को खासकर सहारनपुर, बिजनौर जिलों से आने वाले व्यक्तियों व व्यवसायियों के मूल स्थान एवं थाने से सत्यापन को एक सब इंस्पेक्टर तैनात करने की बात कही। जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने दोनों समुदायों से शांति पूर्ण व्यवस्था कायम करने व किसी के बहकावे में न आने की अपील की। उन्होंने कहा कि व्यापार मंडल पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि आपसी समन्वय और सहयोग से बंद दुकानों को खुलवा दें। आपस में सौहार्द बनाए, जो क्षेत्र हित के लिए ये अच्छा रहेगा।
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में व्यापार मंडल अध्यक्ष बृजमोहन चौहान, अंकित पंवार, सतीश चौधरी, राजपाल पंवार, जगमोहन पंवार, अरविंद पंवार, नवीन गैरोला, बलदेव रावत, बलदेव असवाल, चंद्रमोहन कपूर, बिहारी लाल शाह, मीना सेमवाल, अनिता व बलदेव नेगी उपेंद्र शर्मा, कमला राम शर्मा, बाले, अशरफ, रईस, जावेद , शेफ़ अली आदि मौजूद थे।
सख्ताई न होने पर नाराजगी
बलदेव रावत, राजपाल पंवार आदि जनप्रतिनिधियों ने घटना को लेकर बाहर से आने वाले लोगों का सख्ताई से सत्यापन न करने को स्थानीय प्रशासन, पुलिस प्रशासन पर नाराजगी जाहिर की। प्रतिनिधियों ने पुलिस प्रशासन से मूल थाने के चरित्र प्रमाण के आधार पर सत्यापन करने की मांग की।
17 दिन बाद पुरोला पहुंचने पर उठे सवाल
घटना के 17 दिन बाद डीएम और एसपी को पुरोला जाने की याद आई। लोगों का कहना है कि जिम्मेदार अधिकारियों को समय पर पुरोला पहुंच जाना चाहिए था। यदि समय पर वहां जाकर मोर्चा संभाला होता तो स्थिति कुछ और होती। पुरोला में भय का इतना माहौल खड़ा नहीं हो पाता। इतने दिन बाद भी वहां जाकर अधिकारी सिर्फ शांति की अपील तक ही सीमित रह गए।
ओवैसी की पुरोला में महापंचायत पर रोक लगाने की मांग
देवभूमि उत्तराखंड की शांत वादियों में इन दिनों लैंड और लव जिहाद का मसला खासा गरमा रहा है। विकासनगर, चकराता, चमोली, पुरोला, मोरी और उत्तरकाशी में सामने आये मामलों के बाद लोगों में आक्रोश व्याप्त है। यहां महापंचायत की घोषणा के बाद अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी शांति बहाली अपील की है और महापंचायत पर रोक लगाने की मांग रखी है।
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पुरोला में 15 जून को महापंचायत का एलान किया गया है। हालांकि, अभी तक महापंचायत पर स्पष्टता सामने नहीं आई है।
असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा कि 15 जून को पुरोला में होने वाली महापंचायत पर तुरंत रोक लगाई जाए। साथ ही असदुद्दीन ओवैसी ने इस क्षेत्र में रह रहे समुदाय विशेष को सुरक्षा प्रदान करने की मांग भी की है।
लिखा है कि वहां से पलायन कर गए लोगों को वापस बुलाने का इंतज़ाम किया जाए। भाजपा सरकार गुनहगारों को जेल भेजे और इलाके में जल्द अमन क़ायम हो।
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