U Times, उत्तरकाशी
समुद्रतल से 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित दयारा बुग्याल में प्रसिद्ध अढूंडी उत्सव (बटर फेस्टिवल) गुरुवार को धूमधाम से मनाया गया। परंपरा के अनुसार इस लोक उत्सव में दूध मक्खन-मट्ठा की होली खेलने के साथ ही प्रकृति देवता की पूजा की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में दयारा पहुंचे पर्यटकों ने दयारा क्षेत्र में फैले मखमली बुग्याल का भ्रमण किया और जमकर लुत्फ उठाया।
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जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 42 किलोमीटर की सड़क दूरी और भटवाड़ी ब्लाक के रैथल गांव से छह किलोमीटर की पैदल दूरी पर 28 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले दयारा बुग्याल में पीढ़ियों से भाद्रपद संक्रांति के दिन अंढूड़ी उत्सव मनाने की परंपरा चली आ रही है। गुरुवार को भी परंपरा के अनुसार इस लोक उत्सव में मक्खन मठ्ठा की होली खेलने के साथ ही प्रकृति देवता की पूजा अर्चना की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में दयारा पहुंचे पर्यटकों एवं ग्रामीणों ने मखमली बुग्याल में दूध मठ्ठा मक्खन की होली खेली का आनंद लिया।
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यहां राधा कृष्ण के साथ होल्यारों ने मक्खन एवं मठ्ठे से भरी मटकी फोडी और ढोल दमाऊं की थाप पर जमकर रासौ नृत्य किया। कार्यक्रम में समिति के सचिव सुरेश रतूड़ी, प्रधान रैथल सीमा राणा, गजेन्द्र सिंह राणा, ज्ञानेन्द्र राणा, संतोषी ठाकुर आदि ग्रामीण एवं पर्यटक मौजूद रहे।
यह पहला अवसर होगा जब गुरुवार को दयारा बुग्याल में आयोजित पौराणिक अढूंडी उत्सव (बटर फेस्टिवल) का शुभारंभ क्षेत्र के आराध्य सोमेश्वर देवता की देव डोली ने किया।
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