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योग और अध्यात्म का प्रमुख केंद्र बनेगा उत्तरकाशी: स्वामी चिदानंद

U Times, उत्तरकाशी

गंगोत्री धाम दर्शन करने के पश्चात उत्तरकाशी पहुंचे परमार्थ निकेतन आश्रम ऋषिकेश के अध्यक्ष स्वामी चिदांनद सरस्वती महाराज ने कहा कि विश्व शांति के लिए आज पूरी दुनिया को सनातन धर्म को अपनाने की जरूरत है। सनातन हर समस्या का समाधान है, जो तोड़ने नहीं बल्कि जोड़ने पर यकीन रखता है। 

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उत्तरकाशी रूद्राक्ष टूरिज्म के रूप में विकसित होगा। उत्तरकाशी को योग और अध्यात्म का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं।

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रविवार शाम को लोनिवि विश्राम गृह में पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्वामी चिदांनद महाराज ने कहा कि उत्तरकाशी में अध्यात्म के विकास की अपार संभावनाएं हैं। इन संभावनाओं को विकसित करने की दिशा में परमार्थ निकेतन निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी में जहां कहीं भी जमीन खाली हो, वहां रूद्राक्ष के वृक्ष लगाने के लिए पूरी मदद के लिए तैयार हैं। 

उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी वर्तमान में रूद्राक्ष के वृक्ष लगाए हैं, एक सुंदर वाटिका के रूप में फलीभूत हुए हैं। निश्चित ही आने वाले समय में उत्तरकाशी रूद्राक्ष पर्यटन के रूप में अपनी पहचान बनाएगा। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि उत्तरकाशी देश का योग केंद्र बनकर उभरे। 

उन्होंने गंगा की स्वच्छता और अविरलता पर भी विशेष जोर दिया। कहा कि पहले प्रदेश में गंगा को स्वच्छ रखना होगा। इसके लिए आम लोगों को भी जिम्मेदारी समझकर आगे आना चाहिए और नदी में कचरा फैलाने से बचना चाहिए। 

इस मौके पर उनके साथ आईं साध्वी भगवती सरस्वती, गंगा विचार मंच के लोकेंद्र सिंह बिष्ट सहित उनके अनुयायी मौजूद रहे।

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