प्रकाश रांगड़, उत्तरकाशी
उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन टनल में भूस्खलन के कारण फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए सुरंग में रेस्क्यू कार्य जारी है। यहां जारी रेस्क्यू कार्य के बीच टनल में काम कर रही ऑगर मशीन भी खराब हो गई है।
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अंदर रेस्क्यू कार्य में जुटे एनएचआईडीसीएल के कार्मिकों से मिली जानकारी के अनुसार, ह्यूम पाइप बिछाने के लिए मलबे के अंदर छेद करने के लिए लाई गई ऑगर मशीन ने काम करना बंद कर दिया है।
जबकि मलबा हटाकर मजदूरों तक पहुंचने का प्लान भी असफल रहा है। मलबा हटाने पर मलबा फिर से गिर रहा है। सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए दूसरी ऑगर मशीन हेलिकॉप्टर/विमान से चिन्यालीसौड़ तक मंगवाई जा रही है। सुरंग के अंदर मजदूर पिछले तीन दिन से फंसे हुए हैं, जिन्हें सुराख से हवा और पाईप से खाना पानी की सप्लाई की जा रही है।
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मंगलवार सुबह से ऑगर मशीन से ड्रीलिंग के जरिए 900 एमएम व्यास के ह्यूम पाइप बिछाकर मजदूरों को बाहर निकालने का प्रयास हो रहा था, लेकिन बुधवार को सुबह मशीन खराब हो गई। ऐसे में फिलहाल रेस्क्यू कार्य प्रगति फिर से शून्य हो गया है। ऑगर मशीन के जरिए ह्यूम पाइप बिछाकर मजदूरों को बाहर निकालने को जारी रेस्क्यू ऑपरेशन बाधित होने से टनल में फंसी 40 जिंदगियां इस वक्त संकट में हैं।
बता दें कि सिलक्यारा भगवान बाबा बौखनाग की धरती मानी जाती है। यहां सुरंग के मुहाने पर बाबा का टीन का मंदिर भी था, जिसे हटा दिया गया था।
बाबा के पैतृक पुजारी सोहन लाल अवस्थी इसे बाबा का प्रकोप बता रहे हैं। कहते हैं कि बाबा बौखनाग से मजदूरों की कुशलता की कामना की जा रही है।
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