U Times, उत्तरकाशी
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को सकुशल बाहर निकालने के बाद यहां सुरंग का काम फिलहाल बंद कर दिया गया है। यहां काम करने वाले श्रमिकों को हफ्ते दस दिन की छुट्टी पर भेजा गया है। इसके चलते सिलक्यारा में पिछले तीन दिन से सन्नाटा पसरा है। दूसरी ओर, ऋषिकेश एम्स अस्पताल से भी सभी श्रमिकों को डिस्चार्ज कर सरकारी व्यवस्था पर घर भेजा गया है।
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इसके अलावा रेस्क्यू कार्य के लिए लाई गई अधिकांश हाइटेक मशीनें भी लौटाई गई हैं। सुरंग के ऊपर पहाड़ी हिस्से पर वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए लाई गई हैवी मशीन अभी तक मौके पर मौजूद है। सुरंग के बाहर सुरक्षा में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
बताया जा रहा है कि सुरंग में हादसे के कारणों की जांच के लिए आजकल में केंद्रीय जांच टीम ने यहां पहुंचना था, लेकिन अभी तक टीम नहीं पहुंची है।
बता दें कि गत मंगलवार को सिलक्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिक सकुशल बाहर निकाले गए। जहां केंद्र और राज्य सरकार ने श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए पूरी मशीनरी झोंक डाली थी। 17 दिन बाद सभी मजदूरों को किसी तरह बाहर निकाला गया। ऐसे में यहां रेस्क्यू कार्यों को देखने वीवीआईपी मूवमेंट से लेकर अन्य तमाम तरह के प्रयास हुए, जिस कारण सिलक्यारा में खासी चहलकदमी का दौर रहा। लेकिन सिलक्यारा में अब पहले की तरह फिर से सन्नाटा पसर गया है। खासकर मजदूरों के बाहर निकलते ही काम बंद होने और श्रमिकों के छुट्टी पर चले जाने से सिलक्यारा में वीरानी छाई है।
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रेस्क्यू के लिए पहुंची एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आइटीबीपी, सेना के जवान लौट गए हैं। रेस्क्यू उपकरणों को भी वापस भेजा गया है। श्रमिक भी छुट्टी पर चले गए हैं। डीएम अभिषेक रूहेला ने बताया कि अग्रिम आदेशों तक सुरंग में काम बंद रखा गया है।
वहीं, ब्रह्मखाल चौकी इंचार्ज एसआई गंभीर सिंह ने बताया कि मौके पर निगरानी के लिए पुलिस जवानों की ड्यूटी लगाई गई है।
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