U Times, उत्तरकाशी
लापरवाही और घटिया गुणवत्ता के कारण राइंका जुणगा ब्रह्मखाल में लगी सुरक्षा दीवार महज सात दिन भी नहीं टिक पाई। दीवार हल्की बारिश में ही क्षतिग्रस्त होकर जमीन पर आ गई। जबकि इस सुरक्षा दीवार को लगाने के लिए विभाग की ओर से करीब सात लाख रुपये की धनराशि खर्च की गई है। वहीं दीवार क्षतिग्रस्त होने से अब विद्यालय की साइंस लैब और वर्चुअल लैब भी खतरे की जद में आ गए हैं।
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राइंका जुणगा के प्रधानाचार्य संजय जगूड़ी ने बताया कि लघु सिंचाई विभाग की ओर से गत फरवरी माह में प्रधानाचार्य प्रांगण के बाहर सुरक्षा दीवार का कार्य किया गया। जिसमें विभाग की ओर से जिला योजना से स्वीकृत 07 लाख रुपये खर्च किए गए। लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही व कार्य की घटिया गुणवत्ता के कारण दीवार सात दिन भी नहीं टिक पाई। कहा कि दीवार का कार्य पूर्ण होने के बाद जैसे ही पहली बारिश हुई दीवार क्षतिग्रस्त हो गई।
बताया विद्यालय के विज्ञान प्रयोगशाला भवन और वर्चुअल लैब खतरे की जद में हैं। वहीं विद्यालय आने वाले छात्र-छात्राओं के भी गिरने का खतरा बना हुआ है। उन्होंने शुक्रवार को इसके लिए अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई को पत्र प्रेषित किया और शीघ्र दीवार को पुनः बनवाने की बात कही। वहीं कार्य की गुणवता सही न होने पर शिक्षकों और स्थानीय लोगों ने सवाल उठाए हैं।
"स्कूल की सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त होने की सूचना शुक्रवार सुबह मिली है। जिसके लिए जेई को मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। जल्द ही सुरक्षा दीवार का निर्माण पूरा कर दिया जायेगा"
- भरतराम, अधिशासी अभियंता, लघु सिंचाई, उत्तरकाशी
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