U Times, उत्तरकाशी
लगभग चार सप्ताह पहले विषाक्त पदार्थ (आर्गेनोफास्फोरस) का सेवन करने वाले डुंडा निवासी मंगल सिंह 26 दिन तक आइसीयू में भर्ती रहने के बाद शनिवार को स्वस्थ होकर घर लौट गए। जिला अस्पताल के डॉक्टर्स और आईसीयू टीम उनके लिए भगवान साबित हुए।
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बकरी पालन का व्यवसाय करने वाले मंगल सिंह ने कुछ दिन पहले आर्थिक तंगी के चलते आर्गेनोफास्फोरस का सेवन कर लिया था। जिसके बाद उन्हें गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. नवीन सेमवाल ने मंगल सिंह का उपचार किया।
मरीज की हालत को देखते हुए उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया। डॉ. अभिषेक नौटियाल, डॉ. आभा सेमवाल, डॉ. निकिता की सूझ बूझ से गले में चीरा लगाकर मरीज की सफल ट्रेकियोस्टॉमी की गई। डॉक्टरों और नर्सिंग अधिकारी की टीम ने पूरी तत्परता से उनका ख्याल रखा और उन्हें जीवन के लिए आवश्यक सभी उपचार उपलब्ध कराए।
फिजिशियन डॉ. नवीन सेमवाल ने बताया कि आर्गेनोफास्फोरस एक खतरनाक विष है और आमतौर पर कीटनाशकों में पाया जाता है। अस्पताल पहुंचने पर उन्हें तत्काल चिकित्सा देखभाल उपलब्ध करवाई गई।
आईसीयू टीम ने रखा पूरा ख्याल
आईसीयू की टीम ने मंगल सिंह को समय पर चिकित्सा सुविधाएं देकर उनकी जान बचाने में अहम योगदान दिया। आईसीयू टीम में इंचार्ज अंजना शर्मा, गिरीश उनियाल, रुचि राणा, रजनी, रेखा, रतन, अखिलेश, अंकित, मंजू, अनुराधा, प्रेम बहादुर, राखी, आइरीना, भारती, सुनील, संदीप, उपेंद्र,पवन आदि नर्सिंग अधिकारी थे।
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