U Times, उत्तरकाशी
सिल्ला-कुश कल्याण-सहस्त्रताल ट्रेक पर हुये हादसे के लिए जिम्मेदार एडवेंचर कंपनी मालिक के खिलाफ मनेरी थाना में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। प्रथम दृष्टया ट्रेकिंग संबंधी शर्तों को पूरा किए बिना ट्रेकिंग की अनुमति देने पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
U Times, No.1
हिमालयन कम्पनी ब्यू एडवेन्चर, उत्तरकाशी ट्रेकिंग कम्पनी के स्वामी के खिलाफ एफआईआर पंजीकृत की गयी है। एसपी अर्पण यदुवंशी ने बताया कि कुश-कल्याण ट्रेक में हुयी दुर्घटना अथवा आपदा के सम्बन्ध में प्रथम दृष्टया हिमालयन कम्पनी ब्यू एडवेन्चर उत्तरकाशी ट्रेकिंग कम्पनी द्वारा ट्रेकिंग सम्बन्धी शर्तो को पूर्ण किये बिना ट्रेकिंग हेतु अनुमति दी गयी।
ट्रेकिंग यूनिट एवं रुट अथवा ट्रेक के सम्बन्ध में पुलिस-प्रशासन को सूचना उपलब्ध नहीं करायी गयी थी। ट्रेकिंग दल में 70 वर्ष से अधिक उम्र के ट्रेकर्स भी थे, जिनके मेडिकल की कार्यवाही नहीं की गयी थी। बुजुर्ग व्यक्तियों से कुशकल्याण जैसे ऊंचाई वाले स्थान परट्रेकिंग कराया जाना उचित नहीं था। न ही कम्पनी द्वारा ट्रेकर्स के साथ भेजे गये गाईड्स के पास ट्रेकिंग सम्बन्धी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये गये थे, जिस कारण 4 जून की शाम को कुशकल्याण ट्रेक पर मौसम खराब होने कारण आये आंधी-तूफान व ओलावृष्टि से नौ की मौत हो गई।
एसपी ने ट्रेकिंग एंजेन्सियों से अपील की है कि उक्त घटना से सबक लेते हुये सभी एजेन्सियां निकट भविष्य में इस ओर गम्भीरता बरतें। ट्रेकिंग सम्बन्धी मानकों के अनुरुप ही ट्रेकर्स की अनुमति प्रदान की जाये, जो लोग ट्रेकिंग की शर्तों को पूरा न कर रहे हो ऐसे लोगों को बिल्कुल भी अनुमति न दी जाये, लापरवाही बरतने वाली ऐजेन्सियों के विरुद्ध कडी कार्रवाई की जायेगी।
29 जून को ट्रेक पर निकला था दल
गत 29 मई 2024 को सहस्त्रताल की ट्रैकिंग पर एक 22 सदस्यों का दल गया था जिन्होने 7 जून 2024 को वापस लौटना था, लेकिन 4 जून की शाम को कुशकल्याण ट्रेक पर मौसम खराब होने कारण आये आंधी-तुफान व ओलावृष्टि से हुयी आपदा में ट्रेकर्स उच्च हिमालयी ट्रैक रुट में फंस गये थे।
4 जून की सांय को सूचना मिलने पर पुलिस-प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, वायु सेना, आईटीबीपी व अन्य आपदा दल द्वारा फंसे ट्रैकर्स को निकालने के लिए जमीनी तथा हवाई रेस्क्यू अभियान चलाते हुये सिल्ला-कुश कल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक से कुल 13 ट्रैकर्स को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया जबकि 9 ट्रैकर्स के शवों को एयरलिफ्ट किया गया। 22 सदस्यीय दल में 18 ट्रेकर्स कर्नाटक, 1 महाराष्ट्र जबकि 3 स्थानीय पोर्टर थे।
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