U Times, उत्तरकाशी
उत्तरकाशी में कुछ हिंदू संगठनों द्वारा भटवाड़ी रोड स्थित जामा मस्जिद को अवैध करार दिए जाने संबंधी ज्ञापन प्रशासन को सौंपने के बाद गुरुवार को उत्तरकाशी अल्पसंख्यक समुदाय के लोग डीएम से मिले।
समुदाय के लोगों ने डीएम को मस्जिद भूमि संबंधी कागजात दिखाते हुए कहा कि उत्तरकाशी में जामा मस्जिद सन् 1969 से स्थापित है। जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी इबादत करते आ रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से मस्जिद की सुरक्षा की मांग उठाई।
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फाइल फोटो: कलेक्ट्रेट परिसर उत्तरकाशी
डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट से मुलाकात में अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने बताया कि जिस जगह पर मस्जिद बनी है, वह भूमि पांच लोगों के नाम पर रजिस्टर्ड है। जिसका कुल रकबा 4 नाली 5 मुट्ठी है। जहां समुदाय के लोग पिछले 55 वर्षों से बिना किसी ऐतराज के शांतिपूर्वक तरीके से इबादत करते आ रहे हैं।
इतना ही नहीं जिस भूमि पर मस्जिद निर्मित है, वह उक्त भूमि के खरीददारों के द्वारा मस्जिद के हक में अपनी इच्छानुसार मौखिक रूप से दान की गई है। उन्होंने साफ कहा कि जामा मस्जिद उत्तरकाशी किसी भी प्रकार से सरकारी भूमि पर निर्मित नहीं है। बल्कि जिनके नाम जमीन रजिस्टर्ड है, उसी भूमि पर निर्मित है।
साथ ही बताया कि मस्जिद का प्रकाशन 20 मई 1987 में उत्तर प्रदेश मुस्लिम वक्फ अधिनियम 1960 की अनुसूची में जनपद उत्तरकाशी में अवधारित सुन्नी वक्फ में भी दर्ज है।
कहा कि कुछ संगठनों द्वारा बेवजह मामले को तूल देकर शहर की शांति व्यवस्था को भंग करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे अल्पसंख्यकों में रोष व्याप्त है। शीघ्र ही प्रशासन को शांति व्यवस्था भंग करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई कर मस्जिद की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
डीएम से मुलाकात करने वालों में अल्पसंख्यक समुदाय के चिराग अली, इश्तियाक अहमद, अनवर बेग, नसीर खान, सुहेल अली आदि थे।
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