प्रकाश रांगड़, उत्तरकाशी
प्रदेश सरकार की ओर से निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद शासन प्रशासन स्तर पर चुनाव सम्पन्न कराने की तैयारी जोरों पर चल रही है। इस बीच निकायों में काबिज होने को बेताब विभिन्न राजनीतिक पार्टी के दावेदारों को टिकट फाइनल होने का बेसब्री से इंतजार है। खासकर भाजपा और कांग्रेस पार्टी में टिकट पाने को लेकर दावेदारों में होड़ मची है।
भाजपा हाइकमान ने तो शुक्रवार शाम तक टिकट फाइनल के साफ संकेत दे दिए हैं। पार्टी ने प्रत्याशियों के नामों को आज गुरुवार को अंतिम रूप दे दिया है। इसी तरह, कांग्रेस हाइकमान भी शुक्रवार शाम तक प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है।
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इन सबके बीच उत्तरकाशी की बाड़ाहाट निकाय पर सबकी नजरें टिकी हुई है। यहां पहली बार निकाय को ओबीसी आरक्षित किया गया है, जिससे कई दावेदारों के अरमान चकनाचूर हो गए, तो कई के अरमान सातवें आसमान चढ़ गए। सरकार ने पहले इस सीट को महिला आरक्षित किया और फिर अनारक्षित रखा। इसके बाद फिर से आरक्षण की स्थिति में बदलाव करते हुए ओबीसी कर डाला।
यहां अध्यक्ष पद के दावेदारों में बीजेपी से किशोर भट्ट, भूपेंद्र सिंह चौहान, सविता भट्ट, शांति गोपाल रावत, रमेश सेमवाल आदि नामों की चर्चा पहले ही सियासी गलियारों में गूंज चुकी है। पूर्व पालिकाध्यक्ष सुधा गुप्ता भी दावेदारी जता रही थीं, लेकिन ऐन वक्त ओबीसी आरक्षित होने पर वह अब इस होड़ से ही बाहर हो गई हैं।
इसी तरह कांग्रेस से अभी तक शहर अध्यक्ष रहे दिनेश गौड़ का नाम चर्चा में है। माना जा रहा है कि पार्टी उनके नाम ही टिकट की अंतिम मुहर लगाएगी। निर्दलीय के रुप में अभी तक कोई चर्चित नाम बाड़ाहाट निकाय की राजनीति में सामने नहीं आया है।
माना ये भी जा रहा है कि बीजेपी से टिकट के कई दावेदार होने के कारण यहां बगावत होनी तय है। ऐसे में पार्टी से बगावत कर निर्दलीय के रूप में कुछ प्रत्याशी खड़े हो सकते हैं, जिससे यहां निकाय चुनाव की राजनीति और भी दिलचस्प होने जा रही है।
नगर का लगभग हरेक वोटर जानता है कि किसको टिकट मिलने और न मिलने पर कौन बगावत कर मैदान में उतर सकता है। अब देखना ये है कि बीजेपी यहां किस पर दांव खेलती है और बगावत होने पर किस तरह डैमेज कंट्रोल कर पाती है।
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