Ad

Ad
Powered by U Times

फिट इंडिया: 18 हजार फीट की ऊंचाई पर चोटी फतह करने निकलीं 50 से 70 वर्ष की महिलाएं !

 शिव सिंह थलवाल, उत्तरकाशी (उत्तराखंड)

Fit India Vision: जिस उम्र में व्यक्ति आमतौर पर मकान की सीढ़ियां चढ़ने में भी हांफने लगता है और कई बीमारियां उसे घेर लेती हैं। उस उम्र में देश की कुछ महिलाएं 14 से 18 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नामचीन पर्वत चोटियों को पार कर फिट इंडिया की कल्पना को साकार बनाने का काम कर रही हैं। वो भी 50 से 70 वर्ष की उम्र में। जो फिट इंडिया के मामले में हिंदुस्तान की सोच बदलने के लिए काफी है। ये एक अभियान के रूप में  संचालित किया जा रहा है, जिसे फिट @50+ महिला ट्रांस हिमालयन अभियान 2022 नाम दिया गया है। इस अभियान में विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट (MOUNT EVEREST) फतह करने वाली प्रथम भारतीय महिला पर्वतारोही बछेंद्री पाल भी शामिल हैं, जो कि अभियान का नेतृत्व कर रही हैं। 

Read: दयारा पर कुदरत ने खूब लुटाया खजाना

  U Times: खबरों में No.1 

अभियान दल में शामिल सदस्य 16, 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित चुनौतियों से भरा हर्षिल लमखागा ट्रैक पार करने के साथ ही 14 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित हिमाचल के भाबा और करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित पारंग ला दर्रे की चढ़ाई पार करने निकल पड़े हैं। दरअसल, टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (TSAF) ने फिट इंडिया व भारतीय सेना के सहयोग से फिट इंडिया के बैनर तले अभियान को शुरू किया है। जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से 12 पर्वतारोही महिला समेत कुल 14 सदस्य शामिल हैं। पर्वतारोहियों का यह दल गुरुवार को उत्तरकाशी पहुंचा, जहां लोगों ने दल के सदस्यों का जोरदार स्वागत किया। इसके बाद उत्तरकाशी कलेक्ट्रेट स्थित जिला प्रेक्षागृह में अभियान दल के सदस्य पत्रकारों से मुखातिब हुए।

  Photo: U Times

 अभियान का नेतृत्व कर रहीं पद्मश्री व पद्म भूषण पुरस्कार विजेता प्रसिद्ध पर्वतारोही बछेंद्री पाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया के विजन को एक सशक्त और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ाना है। जिस उम्र में लोग सपने देखना छोड़ देते हैं और बीपी, शुगर आदि तमाम तरह की अनचाही बीमारियों के शिकार हो जाते हैं, उम्र के उस पड़ाव पर आकर हम चाहते हैं कि लोग फिर से सपना देखना शुरू करें। सशक्त और सकारात्मक जीवन शैली अपनाकर दैनिक जीवन को बेहतर बनाने का काम लोग कर सके। इस उम्र में भी कुछ किया जा सकता है, ऐसी सोच लोगों में जाग्रत हो। फिटनेस की गतिविधियों में शामिल होकर ऐसा संभव है। उन्होंने कहा कि 70 वर्ष की उम्र में उनके साथ अभियान दल में शामिल गीता पटेल इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जो उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में करीब 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित हर्षिल लमखागा ट्रैक पर निकल रही हैं। यह सशक्त और पॉजिटिव सोच का ही एक नजरिया है। 

 Photo: U Times, No.1

अरुणाचल से शुरू हुआ अभियान, कारगिल में होगा समापन

14 सदस्यीय टीम की यह यात्रा अरुणाचल प्रदेश से शुरू होकर असम, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, नेपाल, कुमाऊं, गढ़वाल, हिमाचल प्रदेश, स्पीति, लेह लद्दाख से होकर कारगिल में समाप्त होगी। 5 महीने लंबे इस अभियान में पूर्व से पश्चिम तक हिमालय की यात्रा शामिल है। जिसके तहत अरुणाचल से लद्दाख तक 4977 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने के साथ ही लगभग 37 पर्वतीय दर्रों को पार करेंगे। लगभग एक माह का समय और इस अभियान के पूरा होने को बचा है। बछेंद्री पाल ने कहा कि अभियान में सेना का सपोर्ट उनके लिए रीड की हड्डी का काम कर रही है।

50 वर्ष से अधिक की यह महिलाएं हैं शामिल

टीम में 54 वर्षीय चेतना साहू (पश्चिम बंगाल), 53 वर्षीय सविता धपवाल (छत्तीसगढ़), 52 वर्षीय एल अन्नपूर्णा (जमशेदपुर), 63 वर्षीय गंगोत्री सोनेजी (गुजरात), 57 वर्षीय पायो मुर्मू (झारखंड), 55 वर्षीय सुषमा बिस्सा (राजस्थान), 59 वर्षीय सेवानिवृत्त मेजर कृष्णा दुबे (उत्तर प्रदेश), 54 वर्षीय बिमला देवस्कर (महाराष्ट्र), 68 वर्षीय वसुमति श्रीनिवासन (कर्नाटक) और 64 वर्षीय शामला पद्मनाभन (कर्नाटक) शामिल हैं।

54 से 70 वर्ष की उम्र की ये महिलाएं अलग-अलग पृष्ठभूमि से हैं। कारपोरेट नौकरी से लेकर रक्षा कर्मियों तक, पर्वतारोही से लेकर गृहिणी तक और आउटडोर ट्रेंनिंग इंस्ट्रक्टर से लेकर सेवानिवृत्त लोकोमोटिव चालक तक।

कर्नल बिष्ट और पर्वतारोही चंद्रप्रभा भी रहीं मौजूद

पर्वतारोही चंद्रप्रभा ऐतवाल और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट भी प्रेस वार्ता में मौजूद रहे। उन्होंने टीम के हौसलों की तारीफ करते हुए अभियान की सफलता की शुभकामनाएं दीं।

Read more latest news...

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ