Photo: बीते बुधवार को फ्लैग ऑफ के साथ सीएम धामी और बाबा रामदेव ने अभियान दल को रवाना किया। No.1
संजीवनी की खोज में निकले संयुक्त अभियान दल पर सभी की नजर
भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा क्षेत्र में वरदान साबित हो सकता है अभियान
प्रकाश रांगड़, उत्तरकाशी (उत्तराखंड)
गंगोत्री हिमालय के रक्तवन क्षेत्र में बीते बुधवार को संजीवनी (औषधीय वनस्पति) की खोज में निकले संयुक्त अभियान दल पर इस वक्त सबकी की नजर है। अगर यह दल वास्तव में हिमालय के अकूत भंडार से कुछ औषधीय जड़ी बूटी खोज लाता है, तो आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में भारत एक बार फिर दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच सकता है। चूंकि, भारतीय आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली (प्राकृतिक चिकित्सा) पूरी दुनिया में अलग पहचान रखती है। योग गुरू बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के पतंजलि योगपीठ के कारण भारत वक्त के साथ विश्व भर में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का अनुसंधान केंद्र बनकर उभरा है। ऐसे में इस अभियान को आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में नया आयाम स्थापित करने के रूप में समझा जा रहा है।
Photo: U Times
इसलिए भी यह अभियान इतना महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इस अभियान में आचार्य बालकृष्ण शामिल हैं। जो हिमालय की कंदराओं से जड़ी-बूटी खोज लाने का माद्दा रखते हैं। आयुर्वेद और योग के क्षेत्र में अग्रणी पतंजलि संस्थान का हिमालय में संजीवनी मिशन आने वाले समय में भारतीय आयुर्वेद को नई दिशा प्रदान कर सकता है।
हालांकि, यह टीम गंगोत्री हिमालय के रक्तवन क्षेत्र में न सिर्फ संजीवनी की खोज करेगी, बल्कि जिस हिमालयी क्षेत्र में आज तक कोई सफल आरोहण नहीं कर पाया, उसे फतह करने का साहस भी जुटाएगी। जाहिर है, इस अभियान में टीम को कुछ अनारोहित पर्वत शिखरों को खोजने में भी कामयाबी मिल सकती है। ये अभियान की सफलता पर निर्भर करेगा।
NIM का साथ मिलने से अभियान सफल होने की उम्मीद
आचार्य बालकृष्ण और निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट अभियान दल का नेतृत्व कर रहे हैं। पर्वतारोहण के क्षेत्र में विख्यात नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के सदस्य अभियान में शामिल हैं, लिहाजा अभियान के सफल होने की उम्मीद की जा रही है। बीते 14 सितंबर को अभियान दल रक्तवन के लिए रवाना हो चुका है, जो कि 25 सितंबर तक चलेगा। बीते बुधवार को राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी और योग गुरु बाबा रामदेव गंगोत्री धामी इस अभियान को फ्लैग ऑफ के साथ मिशन के लिए रवाना कर चुके हैं।
नई खोज के साथ वापस लौटेंगे: बालकृष्ण
दल के गंगोत्री से रवाना होते हुए आचार्य बालकृष्ण ने भी भरोसे के साथ कहा है कि अभियान टीम नई खोज के साथ वापस लौटेगी। अभियान दल में कुल 10 सदस्य शामिल हैं।
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